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Motihari: एक मतदान केंद्र पर अब 1200 से अधिक नहीं होंगे मतदाता

चुनावी प्रक्रिया को आसान बनाने व आवश्यक सुविधाओं को मजबूत करने के लिए निर्वाचन आयोग ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाया है.

Motihari: मोतिहारी. आने वाले चुनावों में मतदाताओं को कई अहम सहुलियतें मतदान केंद्रों पर मिलेगी. वोटिंग प्रक्रिया में किसी तरह की परेशानी न हो,इसका पूरा ख्याल रहेगा. चुनावी प्रक्रिया को आसान बनाने व आवश्यक सुविधाओं को मजबूत करने के लिए निर्वाचन आयोग ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाया है. आयोग ने बीते 100 दिनों में 21 नई पहल शुरू की है.इनमें प्रक्रियागत सुधार, प्रशिक्षण कार्यक्रम और विभिन्न हितधारकों के साथ व्यापक संवाद शामिल है. 26वें मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार के कार्यभार ग्रहण करने के बाद इन 100 दिनों को उद्देश्यपूर्ण, व्यावहारिक और सक्रिय प्रयासों से चिह्नित किया गया है. मतदाता पहुंच को सरल और सुलभ बनाने की दिशा में पहल किये गये हैं. एक मतदान केंद्र पर अधिकतम मतदाताओं की संख्या 1,500 से घटाकर 1,200 कर दी गई है. गेटेड और बहुमंजिला इमारतों जैसे घनी आबादी वाले क्षेत्रों में अतिरिक्त मतदान केंद्र स्थापित किए जाएंगे.यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कोई भी मतदाता मतदान के लिए 2 किलोमीटर से अधिक दूरी तय न करे.मतदाता सूचना पत्र को नए सिरे से डिजाइन किया गया है, जिसमें क्रम संख्या और भाग संख्या अधिक स्पष्ट और दृष्टिगोचर होगी.

प्रत्येक मतदान केंद्र के प्रवेश द्वार पर मोबाइल फोन जमा करने के लिए मोबाइल डिपॉजिट सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी. सहायक बूथ अब मतदान केंद्र के परिसर से 200 मीटर दूर की बजाय, बूथ के प्रवेश द्वार से 100 मीटर की दूरी पर लगाए जा सकेंगे.

तकनीकी सशक्तीकरण और डिजिटल एकीकरण

सभी सेवाओं को एक ही स्थान पर लाने के लिए एक एकीकृत डैशबोर्ड विकसित किया गया है, जो अब तक प्रचलित 40 से अधिक ऐप्स/वेबसाइट्स का स्थान लेगा.इस डैशबोर्ड के कुछ मॉड्यूल वर्तमान उपनिर्वाचनों में उपलब्ध होंगे और बिहार विधानसभा निर्वाचन 2025 तक यह पूरी तरह से सभी हितधारकों के लिए कार्यशील हो जाएगा.

मतदाता सूची की शुद्धता के लिए अभिनव पहल:

मृत मतदाताओं को समय पर और सत्यापित रूप से मतदाता सूची से हटाने हेतु, भारत के महापंजीयक से प्राप्त मृत्यु पंजीकरण डेटा को सीधे एकीकृत करने की प्रक्रिया शुरू की गई है.मतदान केंद्र अधिकारियों की भूमिका अब भी केंद्रीय रहेगी, और फील्ड स्तर के सत्यापन के आधार पर ही निर्वाचक सूची को अद्यतन किया जाएगा.

राजनीतिक संवाद को संस्थागत रूप देना

राजनीतिक दलों के साथ संवाद को नियमित और संरचित बनाने के उद्देश्य से आयोग ने देशभर में 4,719 बैठकें आयोजित कीं, जिनमें 28,000 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया. इनमें से 40 बैठकें मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी स्तर पर, 800 जिला निर्वाचन पदाधिकारी स्तर पर और 3,879 निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण पदाधिकारी स्तर पर हुईं.

बीएलओ व और संबंधित कर्मियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रमभारत निर्वाचन आयोग ने बीएलओ, पर्यवेक्षक और बूथ लेवल एजेंट के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रमों का विस्तार किया है. अब तक 3,500 से अधिक बीएलओ और पर्यवेक्षकों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है. आगामी वर्षों में एक लाख से अधिक बीएलओ पर्यवेक्षकों को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य है. ये पर्यवेक्षक आगे चलकर 10.5 लाख से अधिक बीएलओ को प्रशिक्षण देंगे.

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