Motihari: मोतिहारी. औकाफ कौम की अमानत है और उसकी सुरक्षा देश के प्रत्येक मुसलमानों की नैतिक व मजहबी जिम्मेवारी है. जबतक सरकार यह कानून वापस नहीं ले लेती,तब तक देश का मुस्लिम समाज खामोश नहीं रहेगा. उक्त बातें अमीर-ए-शरीयत बिहार,झारखंड,उड़िसा व पश्चिम बंगाल हजरत मौलाना अहमद वली फैसल रहमानी ने शुक्रवार की रात शहर के मठिया जिरात स्थित ईदगाह में इमारत-ए-शरीया पूर्वी चंपारण द्वारा आयोजित जिला स्तरीय औकाफ संरक्षण सम्मेलन को संबोधित करते हुए कही. संशोधन बिल को काला कानूून करार देते हुए मुसलमानों से लंबी लड़ाई लड़ने का आह्वान किया. कहा कि वक्फ संपत्तियां मुसलमानों के धार्मिक व सामाजिक कल्याणार्थ के लिए समर्पित है और इसमें किसी भी प्रकार की दखलअंदाजी बर्दाश्त नहीं है. कहा कि भ्रम फैलाकर देशवासियों को गुमराह करने की कोशिश की जा रही है. सबों के सहयोग से इस अभियान को अंजाम तक पहुंचाया जाएगा.नरकटिया विधायक डॉ.शमीम अहमद ने कहा कि यह कानून भारतीय संविधान पर सीधा हमला है. वक्फ की संपतियों को हड़पने की के लिए यह कानून लायी गयी है. पूर्वी चंपारण के काजी प्रसिद्ध उलेमा मुफ्ती रेयाज अहमद ने अतिथियों का स्वागत किया. मौके पर नायब काजी मुफ्ती वसी अहमद,डॉ.तबरेज अजीज, सैयद साजिद हुसैन,डॉ.एसएम मिन्नतुल्लाह,डॉ.सबा अख्तर,डॉ.शमीमूल हक,अशरफ अली अंसार,डॉ.एमयू अख्तर,ओजैर अंजुम,मौलाना एहसानुल्लाह,मौलाना बदीउज्जमा,हामिद जफर,तारीक अनवर,डॉ. नौशाद,व मुफ्ती साजिद इकबाल कासमी ने अपने अपने विचार व्यक्त किये.
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