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निर्भया कांड : फांसी के बाद दोषी अक्षय ठाकुर के गांव में पसरा मातमी सन्नाटा

बिहार के औरंगाबाद में निर्भयाकांड के एक दोषी अक्षय ठाकुर का घर है. औरंगाबाद के लहंग करमा गांव में , फांसी के बाद यहां अजीब सन्नाटा पसरा हुआ है.

औरंगाबाद : पूरे देश और सिस्टम को झकझोर देने वाले निर्भया सामूहिक दुष्कर्म मामले में चारों दोषियो को आज फांसी दे दी गयी, बिहार के औरंगाबाद में निर्भयाकांड के एक दोषी अक्षय ठाकुर का घर है. औरंगाबाद के लहंग करमा गांव में सरयू सिंह (अक्षय ठाकुर के पिता) का घर है, फांसी के बाद यहां अजीब सन्नाटा पसरा हुआ है. फांसी का खबर सुनते ही परिवार के हर सदस्य की आंखे नम हो उठती है. जब कुछ लोगों से अक्षय के बारे में कुछ जानकारी हासिल करने की कोशिश की गई तो कोई बोलने को तैयार नही हुआ, पूछने पर पता चलता हैं कि अक्षय की पत्नी अपने मासूम पुत्र और देवर के साथ दिल्ली में मिलने के लिए गयी हैं.

अक्षय के पिता सरयू सिंह, मां, बड़े भाई ने इसे अपनी नियति मान ली है, उनकी आंखों के आंसू सूख चुके है. लिहाजा बेटे और भाई की फांसी की सजा बरकरार रखे जाने की खबर को सुनकर उन्होने अपने कलेजे को और कड़ा करते हुए चुप्पी साध ली. फांसी की सजा बरकरार रखे जाने की खबर के बाद जब स्थानीय मीडिया ने परिवार वालो से संपर्क किया तो परिजनो ने सीधे तौर पर यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि उन्हें कुछ नही कहना है.

अक्षय के पिता ने कहा कि निर्भया केस के एक दोषी के पिता ने बेटे के कुकर्म पर पर्दा डालने की कोशिश नहीं की थी. 2012 में घटी इस घिनौनी घटना के बाद जब उनका लड़का भाग कर घर आया था तो उसके पीछे-पीछे दिल्ली पुलिस भी पहुंची थी. तब पिता ने बेटे को भगाने के बदले खुद उसे कानून के हवाले किया था. जबकि वो चाहते तो आसानी से अपने बेटे को पड़ोसी देश नेपाल भेज सकते थे.

घटना के बाद घर भाग आया था अक्षय

राम सिंह के जरिए ही अक्षय फल बेचने वाले पवन गुप्ता के संपर्क में आया था. 16 दिसंबर 2012 को मेडिकल की छात्रा के साथ सभी छह दोषियों ने दरिंदगी की हदें पार की थी. घटना पर बवाल के बाद अक्षय भाग कर अपने गांव औरंगबाद आ गया था. लेकिन उसका पीछा करते हुए दिल्ली पुलिस भी यहां आई थी. परिवार में जानकारी मिलने के बाद अक्षय के पिता सरयू सिंह ने खुद बेटे को पुलिस के हवाले किया था. हालांकि यदि वो चाहते तो वो अक्षय को नेपाल भगा सकते थे, लेकिन उन्होंने बेटे के कुकर्म पर पर्दा नहीं डाला.

गांव में पसरा है अजीब है सन्नाटा

डेथ वारंट जारी होने के बाद अक्षय के गांव में अजीब सन्नाटा छाया है कोई भी ग्रामीण इस मसले पर कुछ नहीं बात करना चाह रहा है. अक्षय के परिवार में भी चूल्हा-चौकी लापरवाह बनी हुई है. जीवन के आखिरी पड़ाव पर खड़े पिता सरयू सिंह शांत पड़ गए है. उनके अंदर बेटे को खोने की टिस तो है लेकिन वो भी जानते हैं कि बेटे ने जो अपराध किया वो अक्षम्य है. औरंगाबाद से केशव कुमार सिंह की रिपोर्ट.

Rajat Kumar
Rajat Kumar
Media Person. Five years of experience working in digital media doing videos and writing content. Love to do ground reporting.

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