Bihar Flood Alert: बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में बागमती नदी एक बार फिर तबाही की राह पर है. लगातार बढ़ते जलस्तर के कारण औराई प्रखंड में बभनगामा पूर्वी टोला स्थित बागमती की उत्तरी उपधारा पर बना चचरी पुल मंगलवार दोपहर करीब 12 बजे बह गया. पानी के भारी दबाव के बीच पुल के संचालक महेंद्र सहनी और सत्यनारायण सहनी ने बांस-बल्ली से पुल के कुछ हिस्सों को बचाने की कोशिश की, लेकिन नदी का बहाव ज्यादा तेज था. अब इलाके में नाव ही एकमात्र सहारा बन गई है.
तीन फीट तक पानी बढ़ा
बागमती की उत्तरी और दक्षिणी दोनों उपधाराओं में करीब तीन फीट तक पानी बढ़ चुका है. अतरार में दक्षिणी उपधारा अब मुख्यधारा का रूप ले चुकी है, जिससे पानी तेजी से आसपास के इलाकों में फैल रहा है. हालांकि कटौंझा क्षेत्र में बागमती फिलहाल खतरे के निशान से नीचे बह रही है, लेकिन हालात तेजी से बिगड़ने की आशंका है.
नावों पर जिंदगी, गांवों में घिर गई ज़िंदगी
प्रखंड के लगभग एक दर्जन गांवों में लोग अब नावों के सहारे ही आना-जाना कर पा रहे हैं. हालात यह हैं कि जिन रास्तों से कभी बच्चे स्कूल जाते थे और किसान खेतों तक पहुंचते थे, अब वहीं से नावें गुजर रही हैं.
इधर, बेनीबाद में भी खतरे की घंटी बज चुकी है. बागमती का जलस्तर लगातार बढ़ने के कारण तटबंध पर कटाव की आशंका को लेकर पथ प्रमंडल-2 की टीम सक्रिय हो गई है. कार्यपालक अभियंता ओमप्रकाश की निगरानी में तटबंध की सुरक्षा पर नजर रखी जा रही है.
पीपा पुल पर संकट, संपर्क टूटा
कटरा क्षेत्र के बकुची में बागमती पर बने पीपा पुल के दाहिने हिस्से के एप्रोच पर पानी चढ़ गया, जिससे तीन घंटे तक आवागमन पूरी तरह ठप रहा. मरम्मत के बाद हल्के वाहनों की आवाजाही तो शुरू हुई, लेकिन चारपहिया वाहन अब भी नहीं गुजर पा रहे हैं. उत्तरी हिस्से की 14 पंचायतों के लाखों लोगों के लिए प्रखंड मुख्यालय पहुंचना चुनौती बन गया है.
नाव बनी जीवनरेखा
जलस्तर के उतार-चढ़ाव को देखते हुए नाव की मांग अचानक बढ़ गई है. लोग दूर-दराज से छोटी नावें खरीदने पहुंच रहे हैं. किसान, मवेशी पालक और स्थानीय ग्रामीण अब छोटी नावों को ही अपनी जीवनरेखा मान बैठे हैं. बाजार में एक नाव की कीमत 40 से 50 हजार रुपये तक बताई जा रही है. बड़ी नावें कम हैं, इसलिए छोटी नाव की मांग अधिक है.
प्रशासन स्थिति पर नजर बनाए हुए है. सीओ मधुमिता कुमारी ने कहा कि हर इलाके से रिपोर्ट ली जा रही है और जरूरत पड़ने पर राहत व बचाव कार्य शुरू किया जाएगा. फिलहाल बागमती के बढ़ते जलस्तर ने मुजफ्फरपुर के ग्रामीण इलाकों में चिंता की लहर पैदा कर दी है.
Also Read: डोमिसाइल नीति पर नीतीश कैबिनेट की मुहर, शिक्षक बहाली में बिहारवासियों को 84.4% आरक्षण