Bihar: बिहार के पटना स्थित कृषि भवन में मंगलवार को एक खास मुलाकात हुई, जब बिहार के कृषि विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने मुजफ्फरपुर के लक्ष्मण नगर निवासी प्रगतिशील किसान उमा शंकर सिंह से भेंट की. इस दौरान उन्होंने उमा शंकर की खेती में किए जा रहे नवाचारों की खुलकर प्रशंसा की और उन्हें विभाग की ओर से हरसंभव सहयोग देने का आश्वासन भी दिया.
10 एकड़ भूमि रोल मॉडल होगा तैयार
उमा शंकर सिंह उन किसानों में शामिल हैं, जिन्होंने परंपरागत खेती के दायरे से बाहर निकलते हुए केले, हल्दी, स्वीट कॉर्न और बेबी कॉर्न जैसी उच्च मूल्य वाली फसलों की ओर रुख किया है. लगभग 10 एकड़ भूमि पर की जा रही इन फसलों की खेती ने उन्हें क्षेत्र में एक रोल मॉडल के रूप में स्थापित कर दिया है. उनकी आमदनी में भी उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है.
राज्य सरकार किसानों को 75% तक देगी अनुदान
कृषि सचिव संजय अग्रवाल ने जानकारी दी कि राज्य सरकार उच्च मूल्य फसलों की खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों को 75 प्रतिशत तक अनुदान दे रही है. गरमा मौसम के लिए फिलहाल बेबी कॉर्न पर 50% या 500 रुपए प्रति किलोग्राम और स्वीट कॉर्न पर 50% या 1500 रुपए प्रति किलोग्राम बीज अनुदान निर्धारित किया गया है.
फसल की मार्केटिंग में भी विभाग करेगा मदद
साथ ही, किसानों को इन फसलों के लिए तकनीकी प्रशिक्षण, बीज चयन और फसल की मार्केटिंग में भी विभाग मदद कर रहा है. जिलों में बढ़ती रुचि को देखते हुए विशेष अभियान चलाने की भी योजना है.
सचिव संजय अग्रवाल ने यह भी कहा कि राज्य सरकार की प्राथमिकताओं में फसल विविधीकरण और मूल्यवर्धित खेती को प्रोत्साहन देना शामिल है. इससे न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होगी, बल्कि कृषि क्षेत्र में स्थायित्व और नवाचार को भी नई दिशा मिलेगी.
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बिहार की खेती को नया भविष्य मिलने की उम्मीद
उमा शंकर सिंह जैसे किसान यह साबित कर रहे हैं कि बदलाव की राह पर चलने से खेती भी लाभकारी और आत्मनिर्भर बन सकती है. वे न केवल खुद सफल हुए हैं, बल्कि अपने अनुभवों से क्षेत्र के अन्य किसानों को भी प्रेरित कर रहे हैं. कृषि विभाग की योजनाओं और किसान जैसे उमा शंकर की लगन से बिहार की खेती को नया भविष्य मिलने की उम्मीद है.