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बिहार में कोरोना का एक और मरीज मिला पॉजिटिव
A 35-year-old man from district Gopalganj has tested positive for Coronavirus. He has travel history to Saudi Arabia: Abhishek Sen, Nodal Officer, Rajendra Memorial Research Institute of Medical Sciences Nodal Officer, Bihar
— ANI (@ANI) March 31, 2020
बिहार के गोपालगंज में कोरोना के एक और मरीज की टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आयी है जिसके बाद कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़कर 16 हो चुकी है. वहीं कोविड -19 के एक पॉजिटिव एक महिला को कल देर रात अस्पताल से छुट्टी दे दी गई. रोगी को 20 मार्च को सामान्यीकृत अस्वस्थता, उत्पादक खांसी, दस्त और सिरदर्द की शिकायत के साथ एम्स में भर्ती कराया गया था.
एम्स में भर्ती कोरोना पाजिटिव महिला हुई ठीक
एम्स में भर्ती कोरोना पाजिटिव महिला अब पूरी तरह से ठीक हो गयी है. उसे सोमवार को एम्स से छुट्टी दे दी गयी है. महिला अब अपने घर पर है. पटना के दीघा की रहने वाली यह महिला पिछली 20 मार्च को एम्स में भर्ती हुई थी. 22 मार्च को इसके कोरोना पाजिटिव होने की पुष्टि हुई थी. प्राप्त जानकारी के मुताबिक महिला की उम्र 42 वर्ष है और उसका बेटा इटली से लौटा था. चार दिन पहले उसकी जांच रिपोर्ट निगेटिव आयी थी, इसके तीन दिन बाद जब दूसरी बार रिपोर्ट निगेटिव आयी तो उसे एम्स से छुट्टी दी गयी है.
बिहार के सभी संग्रहालय अगले आदेश तक रहेंगे बंद
कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए और लोगों की सुरक्षा की दृष्टि से बिहार सरकार की ओर से सभी संग्रहालय को 31 मार्च तक बंद करने का निर्देश दिया गया था. लेकिन, इस वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए 1 अप्रैल से अगले आदेश तक बिहार के सभी संग्रहालयों में पर्यटकों का आना बंद रहेगा. बिहार संग्रहालय के निदेशक दीपक आनंद ने बताया कि लोगों की सुरक्षा को देखते यह निर्णय लिया गया है. उन्होंने बताया कि इस दौरान पर्यटकों के लिए संग्रहालय बंद रहेगा. केवल कार्यालय खुला रहेगा और कार्यालय से जुड़े जरूरी कार्य होते रहेंगे. उन्होंने बताया कि चुकी कार्यालय के कर्मचारी आयेंगे उनकी सुरक्षा को देखते हुए संग्रहालय की साफ-सफाई व सैनिटाइजेशन का पूरा ख्याल रखा जायेगा. ताकि, किसी को कोई दिक्कत न होने पाये.
आइजीआइएमएस में अब नहीं होगा कोरोना मरीजों का इलाज, सिर्फ सैंपल के जांच किये जायेंगे
आइजीआइएमएस में अब कोरोना का कोई संदिग्ध मरीज भर्ती नहीं होगा. इसे आइसोलेशन वार्ड और फ्लू कार्नर को भी बंद कर दिया जायेगा. सरकार ने इसे नान कोविड 19 अस्पताल बनाने का फैसला किया है. इसके पीछे सोच है कि कोरोना के इस संकट में भले ही कोरोना से मौत एक ही हुई है लेकिन हार्ट अटैक, किडनी फेल्योर, कैंसर जैसी दूसरी गंभीर बीमारियों से राज्य के सैकड़ों मरीजों की जान जा चुकी है. ऐसे में आइजीआइएमएस जैसे सुपर स्पेशियलिटी वाले अस्पताल को कोविड को कोविड 19 के मरीजों या संदिग्धों से दूर रखना जरूरी है. ताकि बिना किसी बाधा के हार्ट, किडनी, गैस्ट्रो आदि के गंभीर मरीजों को इलाज मिल सके.
पूरे बिहार में विदेश से आये 2376 की हुई पहचान
पूरे बिहार में विदेशों से आये 2376 लोगों की फिलहाल पहचान की गयी है. जिसमें पटना जिले के 107, भागलपुर के 135, अररिया के दो, औरंगाबाद के पांच, सुपौल के तीन, मधेपुरा के 11, पूर्वी चंपारण के 70, पश्चिमी चंपारण के 74, सारण के 96, गया के 135, मधुबनी 95, मुजफ्फरपुर के 173, रोहतास के 10, समस्तीपुर के 105, वैशाली के 6, पूर्णिया के एक, दरभंगा के 28, कटिहार के तीन, नवादा के 43, बेगूसराय के सात,नालंदा के 206, बक्सर के पांच, मुंगेर के 18, अरवल के एक, जहानाबाद के 20, कैमूर के 12, बांका के चार, लखीसराय के एक, शिवहर के चार व सहरसा के पांच शामिल हैं
विदेश से पटना आये 937 लोगों पर प्रशासन की नजर