23.4 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

Durga puja : सिद्धेश्वरी काली मंदिर में सप्तमुंड पर विराजमान हैं मां, छह घंटे तक चलती है निशा पूजा

सिद्धेश्वरी काली मंदिर में देवी के शृंगार की मान्यता है. सुहागिन महिलाएं अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए मां का विशेष शृंगार करती हैं. इसके अलावा अधिकतर महिलाएं साड़ी और चुनरी आदि चढ़ाती हैं. साथ ही मां को विशेष रूप में उड़हुल के फूलों की माला चढ़ाती हैं.

दुर्गा पूजा की वजह स राजधानी पटना का माहौल भक्तिमय हो गया है. हर तरफ पूजा पाथ का माहौल है. शहर के बांसघाट स्थित सिद्धेश्वरी काली मंदिर पटना के प्राचीन मंदिरों में से एक है. मंदिर बनने से पहले यह स्थल तांत्रिक साधना के लिए प्रसिद्ध था. शारदीय नवरात्र में यहां श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है. इस मंदिर की स्थापना लगभग 80 साल पहले एक तांत्रिक बाबा डॉ रतींद्र गोस्वामी ने की थी.

मां काली सात नरमुंडों पर विराजमान हैं

बाबा डॉ रतींद्र गोस्वामी ने कोलकाता से मां काली की प्रतिमा को लाकर यहां स्थापित किया था. इस मंदिर में मां काली सात नरमुंडों पर विराजमान हैं. यहां हनुमान व बटुक भैरव मां के द्वारपाल की भूमिका में हैं. इसके अलावा शिवलिंग, श्रीराम जानकी, राधा-कृष्ण, सती मईया, सांईं बाबा, शनि भगवान, तांत्रिक बाबा वर्मा स्वामी की भी प्रतिमाएं स्थापित हैं.

देवी शृंगार की है मान्यता

यहां पर देवी के शृंगार की मान्यता है. सुहागिन महिलाएं अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए मां का विशेष शृंगार करती हैं. इसके अलावा अधिकतर महिलाएं साड़ी और चुनरी आदि चढ़ाती हैं. साथ ही मां को विशेष रूप में उड़हुल के फूलों की माला चढ़ाती हैं. नवरात्र में मंदिर में 13 कलश स्थापित किये जाते हैं. पूजन सामग्री के रूप में फल, मिष्ठान और खीर का भोग लगाया जाता है. नवरात्र की पहली पूजा से ही मां का द्वार भक्तों के लिए खुला रहता है.

220 सालों से है स्थान

कहा जाता है कि यह स्थल 220 सालों से है. यह सती स्थान के रूप में विख्यात था. कभी यहां तक गंगा नदी बहा करती थी. श्मशान स्थल भी यहीं था. बाद के वर्षों में श्मशान घाट सड़क की दूसरी ओर चला गया है.

बलि के रूप में नारियल का प्रयोग

सिद्धेश्वरी काली मंदिर के मुख्य पुरोहित आचार्य पंडित लाल मोहन शास्त्री बताते हैं कि यहां मैथिली, बंगला और दक्षिण बिहार के आधार पर वैदिक और तांत्रिक विधि से मां काली की पूजा होती है. बलि के रूप में नारियल का प्रयोग होता है. पहले यह मंदिर दक्षिणेश्वरी काली के नाम से प्रसिद्ध था. यहां की मां की प्रतिमा की विशेषता यह है कि मां की प्रतिमा उत्तरामुख है, जबकि मां की पूजा दक्षिण की ओर मुख कर होती है.

Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel