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दिल्ली से ज्यादा खराब हुई पटना की हवा, तीन जिलों में खतरनाक हुआ प्रदूषण का स्तर

पटना में समनपुरा की हवा पिछले कुछ दिनों से लगातार खतरनाक स्तर पर बरकरार है. शनिवार को केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक समनपुरा इलाके में एक्यूआइ 449 था.

पटना में प्रदूषण का स्तर काम होने का नाम ही नहीं ले रहा, अब तो यहां की हवा दिल्ली से भी ज्यादा खराब हो चुकी है. शनिवार को दिल्ली का एक्यूआइ 360 था, जबकि पटना का 384 रहा. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक शनिवार को पटना समेत बिहार के 14 जिलों की हवा बेहद खराब रही, जबकि तीन जिलों की हवा मानव स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है. ये तीन जिले बेगूसराय जहां का एक्यूआइ 461, दरभंगा का एक्यूआइ 426 और सीवान का एक्यूआइ 406 रहा हैं.

प्रदूषण का मुख्य कारण पीएम 2.5 है

बिहार के सबसे प्रदूषित इन जिलों में प्रदूषित हवा लोगों को तेजी से बीमार कर सकती है. सांस लेने में परेशानी जैसी अन्य बीमारियों का कारण यह प्रदूषित हवा हो सकती है. बिहार के इन जिलों की हवा में प्रदूषण का मुख्य कारण पीएम 2.5 है. हवा में सूक्ष्म धूल कणों की मात्रा बढ़ने से पीएम 2.5 बढ़ता है.

पटना में समनपुरा की हवा खतरनाक स्तर पर बरकरार

पटना में समनपुरा की हवा पिछले कुछ दिनों से लगातार खतरनाक स्तर पर बरकरार है. शनिवार को केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक समनपुरा इलाके में एक्यूआइ 449 था. वहीं डीआरएम कार्यालय के पास एक्यूआइ 373, तारामंडल के पास एक्यूआइ 351, मुरादपुर के पास एक्यूआइ 385, राजवंशी नगर के पास एक्यूआइ 362 था.

राज्य के इन 14 जिलों में हवा बेहद खराब

राज्य के जिन जिलों में हवा बेहद खराब हो गयी है उसमें आरा का एक्यूआइ 358, औरंगाबाद 352, बिहारशरीफ 398, गया 302, हाजीपुर 324, मोतिहारी 310, मुंगेर 306, मुजफ्फरपुर 320, पटना 384, पूर्णिया 347, राजगीर 351, सहरसा 349, समस्तीपुर में 391, सासाराम में एक्यूआइ 381 था. राज्य के अन्य जिलों में भी हवा का स्तर खराब है.

Also Read: जहरीली हुई बिहार की हवा: बाहर से आने वाली हवा-मिट्टी बढ़ा रही प्रदूषण, धुएं से भी अधिक धूल से परेशानी

फेफड़ा में संक्रमण, हृदय व आंख समेत कई बीमारियों की वजह प्रदूषण

हवा में प्रदूषण के चलते लोगों में फेफड़ा में संक्रमण, हृदय व आंख की बीमारी पनप रही है. चिकित्सकों के मुताबिक हवा में प्रदूषण नहीं बढ़े इसके लिए सभी स्तरों पर प्रयास किए जाने चाहिए. इसके अनियंत्रित होने के कारण लोगों को कई तरह के संक्रमण का सामना करना पड़ सकता है. ज्यादा देर तक प्रदूषित हवा में रहने पर दमा हो सकता है. यदि हवा में शामिल प्रदूषित कण फेफड़े में जमा हो जाते हैं तब संबंधित व्यक्ति आइएसएलडी नामक रोग का शिकार हो सकता है. हृदय रोग के अलावा आंख में जलन व संक्रमण के कारण रोग हो सकता है.

Prabhat Khabar Digital Desk
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