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लॉकडाउन के बाद बड़ी संख्या में खाड़ी देशों से बिहार लौट सकते हैं लोग

बिहार से हुनरमंद और गैरहुनरमंद दोनों तरह के मजदूरों का पलायन बड़ी संख्या में दूसरे राज्यों एवं विदेशों में होता है. कोरोना की वजह से पूरी दुनिया में उत्पन्न संकट की वजह से विदेशों खासकर खाड़ी देशों में यहां से कमाने गये लोगों का बड़ी संख्या में पलायन शुरू हो गया है.

पटना : बिहार से हुनरमंद और गैरहुनरमंद दोनों तरह के मजदूरों का पलायन बड़ी संख्या में दूसरे राज्यों एवं विदेशों में होता है. कोरोना की वजह से पूरी दुनिया में उत्पन्न संकट की वजह से विदेशों खासकर खाड़ी देशों में यहां से कमाने गये लोगों का बड़ी संख्या में पलायन शुरू हो गया है. एक अनुमान के मुताबिक, लॉकडाउन खत्म होने के बाद करीब पांच लाख लोग विदेशों खासकर खाड़ी देशों से आने की तैयारी में हैं. पूर्ण लॉकडाउन लागू होने के पहले तक यानी 18 से 24 मार्च तक साढ़े 12 हजार लोग विदेशों से लौटे हैं. इनमें सबसे ज्यादा खाड़ी देशों से ही लोग लौटे हैं. अगर लाॅकडाउन के बाद इतनी बड़ी संख्या में लोग विदेशों खासकर खाड़ी देशों से लौट जायेंगे, तो इसका असर राज्य के कई जिलों की समृद्धि पर भी सीधे तौर पर पड़ेगा.

इन लोगों के भेजे रुपये की वजह से इन जिलों के बैंकों का डिपॉजिट हजारों करोड़ में है. इसके अलावा इन जिलों के लोगों का रहन-सहन समेत अन्य कई बातें खाड़ी देशों के रुपये पर ही निर्भर करती है. अब ये लोग लौट आयेंगे, तो इससे इन जिलों की समृद्धि में कमी आयेगी. हालांकि, राज्य की कुल आमदनी में विदेश से आने वाले राशि का योगदान महज दो प्रतिशत के आसपास ही है. फिर भी संबंधित जिलों की समृद्धि में इनकी भूमिका अहम है.

राज्य के चार जिलों सीवान, गोपालगंज, पश्चिम चंपारण और पूर्वी चंपारण से सबसे ज्यादा संख्या में लोग विदेशों खासकर खाड़ी देशों मे कमाने जाते हैं. पासपोर्ट बनने की जिलावार प्रतिशत देखें, तो औरंगाबाद, गया और पटना से भी बड़ी संख्या में लोग पासपोर्ट बनवाते हैं. देश मे आंध्र प्रदेश (31 प्रतिशत) के बाद बिहार (15 प्रतिशत) दूसरा राज्य है, जहां से विदेश जाने के लिए सबसे ज्यादा संख्या में लोग एमिग्रेशन (देश छोड़ने की अनुमति) लेते हैं.

राज्य में बनने वाले कुल पासपोर्ट में सीवान (13.1 प्रतिशत) में सबसे ज्यादा पासपोर्ट बनते हैं. इसके बाद पटना (11), गोपालगंज (10.8), औरंगाबाद (8), पश्चिम चंपारण (4.5) और पूर्वी चंपारण (4 प्रतिशत) पासपोर्ट बनते हैं. पूरे राज्य के सभी बैंकों में डिपॉजिट की बात करें, तो यह करीब तीन लाख 64 हजार करोड़ रुपये हैं. इसमें सीवान के बैंकों में 11 हजार 30 करोड़, गोपालगंज में 721 करोड़, पूर्वी चंपारण में 924 करोड़, पश्चिमी चंपारण में 593 करोड़, गया में 14 हजार 93 करोड़ रुपये जमा हैं, जबकि इन जिलों में किसी तरह का कोई उद्योग नहीं है.

Rajat Kumar
Rajat Kumar
Media Person. Five years of experience working in digital media doing videos and writing content. Love to do ground reporting.

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