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कटिहार : तटबंधों की स्थिति कई जगहों पर मौत को दावत देने जैसी
कटिहार (आजमनगर) : बाढ़ नियंत्रण अवर प्रमंडल सालमारी अंतर्गत विभिन्न संवेदनशील अतिसंवेदनशील बिंदुओं पर महानंदा नदी के भीषण दवाब बढ़ते जलस्तर के बीच विभागीय स्तर पर महसूस किया जाने लगा है. विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक बाढ़ नियंत्रण अवर प्रमंडल सालमारी अंर्तगत 88 किलोमीटर लंबी तटबंध की 87 होमगार्ड जवानों से निगरानी कराई जा रही है. प्रति एक किलोमीटर पर एक होमगार्ड के जवान तैनात किये गये हैं. जिनको विभिन्न बिंदुओं पर विभाग के जेई 24 घंटे की ड्यूटी में तैनात रहेंगे.
साथ हीं विभाग के सहायक अभियंता के बारे में बताया जा रहा 87 किलोमीटर लंबी तटबंध की निगरानी को लेकर भ्रमणशील रहेंगे. कार्यपालक अभियंता घटते बढ़ते जलस्तर की जानकारी पटना नियंत्रण कक्ष को दर्ज करायेंगे. सालमारी डिवीजन के झौआ में महानंदा नदी का जलस्तर प्रति घंटा एक सेंटीमीटर की रफ्तार से बढ़ रही है. क्रमशः बहरखाल स्पर 15, रिंग बांध 56, धबौल अप स्ट्रीम डाउन स्ट्रीम की भी कुछ ऐसी हीं स्थिति बनी हुई है. जहां घटते बढ़ते जलस्तर के बीच नीचले क्षेत्रों सहित तटबंध के अंदर रह रहे लोगों को भी अब बाढ़ का भय सताने लगा है.
महानंदा नदी के बढ़ते जलस्तर की सनसनाहट की आहट से तटवर्ती क्षेत्र में रह रहे लोग हर वर्ष बाढ़ से उतपन्न हुई तबाही की दंश को याद कर विचलित हो जा रहे हैं. विभाग के एक जिम्मेदार अधिकारी ने बताया कि डिवीजन के सभी बिंदुओं पर बाढ़ संघर्षात्मक कार्य सामग्री पर्याप्त मात्रा में भंडारित कर ली गयी है. हर विपरीत परिस्थियों में विभाग पानी से संघर्ष करने के लिए पर्याप्त संसाधनों के साथ तैयार है.
जानकारी के मुताबिक, सालमारी डिवीजन चार लग्जरी वाहनों के सहारे 87 किलोमीटर तटबंध की निगरानी कैसे करेंगे. जबकि, तटबंधों की स्थिति कई जगहों पर मौत को दावत देने जैसी है. ऐसे में डीएम एक जिम्मेदारी उन पंचायत के मुखियाओं को दे. जिन-जिन पंचायत क्षेत्र से होकर विभाग की लग्जरी गाड़ी तटबंधों का निरीक्षण कर गुजरेगी. वहां के मुखियाओं से एक दैनिक पंजी सत्यापन की व्यवस्था करायी जाये, ताकि तटबंधों की निगरानी पूरी ईमानदारी के साथ किया जाना संभव होगा.