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Flood in Bihar, Updates : महानंदा नदी डेंजर लेवल के पार, प्रति घंटा एक सेमी जलस्तर में वृद्धि

Flood in Bihar बिहार में मानसून की दस्तक के बाद से बारिश का दौर लगातार जारी है. राजधानी पटना समेत कई जिलों में रुक-रुक कर बारिश हो रही है. इस बीच मौसम विभाग ने सूबे के अधिकतर जिलों में अगले 30 जून तक तक बारिश का अलर्ट जारी किया है. लगातार बारिश की वजह से बिहार की कई नदियों का जलस्तर बढ़ने लगा है. मौसम विभाग ने भी बारिश और बाढ़ के मद्देनजर बिहार के करीब कई जिलों को अलर्ट पर रखा है.

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कटिहार : तटबंधों की स्थिति कई जगहों पर मौत को दावत देने जैसी

कटिहार (आजमनगर) : बाढ़ नियंत्रण अवर प्रमंडल सालमारी अंतर्गत विभिन्न संवेदनशील अतिसंवेदनशील बिंदुओं पर महानंदा नदी के भीषण दवाब बढ़ते जलस्तर के बीच विभागीय स्तर पर महसूस किया जाने लगा है. विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक बाढ़ नियंत्रण अवर प्रमंडल सालमारी अंर्तगत 88 किलोमीटर लंबी तटबंध की 87 होमगार्ड जवानों से निगरानी कराई जा रही है. प्रति एक किलोमीटर पर एक होमगार्ड के जवान तैनात किये गये हैं. जिनको विभिन्न बिंदुओं पर विभाग के जेई 24 घंटे की ड्यूटी में तैनात रहेंगे.

साथ हीं विभाग के सहायक अभियंता के बारे में बताया जा रहा 87 किलोमीटर लंबी तटबंध की निगरानी को लेकर भ्रमणशील रहेंगे. कार्यपालक अभियंता घटते बढ़ते जलस्तर की जानकारी पटना नियंत्रण कक्ष को दर्ज करायेंगे. सालमारी डिवीजन के झौआ में महानंदा नदी का जलस्तर प्रति घंटा एक सेंटीमीटर की रफ्तार से बढ़ रही है. क्रमशः बहरखाल स्पर 15, रिंग बांध 56, धबौल अप स्ट्रीम डाउन स्ट्रीम की भी कुछ ऐसी हीं स्थिति बनी हुई है. जहां घटते बढ़ते जलस्तर के बीच नीचले क्षेत्रों सहित तटबंध के अंदर रह रहे लोगों को भी अब बाढ़ का भय सताने लगा है.

महानंदा नदी के बढ़ते जलस्तर की सनसनाहट की आहट से तटवर्ती क्षेत्र में रह रहे लोग हर वर्ष बाढ़ से उतपन्न हुई तबाही की दंश को याद कर विचलित हो जा रहे हैं. विभाग के एक जिम्मेदार अधिकारी ने बताया कि डिवीजन के सभी बिंदुओं पर बाढ़ संघर्षात्मक कार्य सामग्री पर्याप्त मात्रा में भंडारित कर ली गयी है. हर विपरीत परिस्थियों में विभाग पानी से संघर्ष करने के लिए पर्याप्त संसाधनों के साथ तैयार है.

जानकारी के मुताबिक, सालमारी डिवीजन चार लग्जरी वाहनों के सहारे 87 किलोमीटर तटबंध की निगरानी कैसे करेंगे. जबकि, तटबंधों की स्थिति कई जगहों पर मौत को दावत देने जैसी है. ऐसे में डीएम एक जिम्मेदारी उन पंचायत के मुखियाओं को दे. जिन-जिन पंचायत क्षेत्र से होकर विभाग की लग्जरी गाड़ी तटबंधों का निरीक्षण कर गुजरेगी. वहां के मुखियाओं से एक दैनिक पंजी सत्यापन की व्यवस्था करायी जाये, ताकि तटबंधों की निगरानी पूरी ईमानदारी के साथ किया जाना संभव होगा.

लाल निशान से ऊपर बह रही है महानंदा 

बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल के अनुसार, जिले की महानंदा, गंगा, कोसी और बरंडी के जलस्तर में शनिवार को वृद्धि दर्ज की गयी है. बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल की मानें, तो महानंदा नदी आजमनगर और धबौल में खतरे के निशान से क्रमशः तीन एवं 26 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है. जबकि, दुर्गापुर में यह नदी तीन सेंटीमीटर लाल निशान से ऊपर है. साथ ही कई स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर होने को आतुर है.

बकरा और नूना नदी के जलस्तर में वृद्धि से ग्रामीण भयभीत

अररिया जिले सहित नेपाल के तराई इलाकों में लगातार बारिश से सिकटी प्रखंड से होकर बहनेवाली बकरा और नूना नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि जारी है. इससे बाढ़ की आशंका से लोग भयभीत हैं. बकरा के जलस्तर में तेज वृद्धि के कारण कई घाटों के चचरी पुल बह गये. कुर्साकांटा जाने में अब लोगों को लंबी दूरी तय करना पड़ रहा है. वहीं, नूना के बढ़े जलस्तर ने नदी किनारे बाढ़ नियंत्रण के लिए किये गये उपायों की पोल खोल दी है

कटिहार में महानंदा नदी में पानी के दवाब से स्पर 15 का नोज ध्वस्त

बाढ़ नियंत्रण अवर प्रमंडल कटिहार जिले के सालमारी अंतर्गत महानंदा नदी के तटबंध का अतिसंवेदनशील स्पर 15 महानंदा के बढ़ते जल स्तर के बीच शनिवार की देर रात स्पर का नोज 40 से 50 मीटर की परिधि में ध्वस्त हो गया है. जिसके बाद से स्थानीय लोग और तटवर्ती इलाकों में बसे लोग भयभीत होने लगे हैं. ग्रामीणों का आरोप है कि बाढ़ पूर्व कराई गई एंटीरोजन कार्य में संवेदक ने बड़ी लापरवाही बरती है. नोज 15 के वाटर लेबल बेस में किसी तरह का बाढ़ पूर्व सुरक्षात्मक कार्य नहीं किया गया. जिसके चलते नोज ध्वस्त हो गया. मालूम हो अतिसंवेदनशील बिंदु 15 अगर टूटता है तो ऐसी स्थिति में बारसोई अनुमंडल को बड़ी तबाही से कोई बचा नहीं सकता है.

महानंदा का जलस्तर बढ़ने से निचले इलाकों में फैला बाढ़ का पानी

मानसून शुरू होते ही महानंदा का जलस्तर लाल निशान के करीब पहुंचते ही निचले इलाकों में बाढ़ का पानी फैलने से लोगों में दहशत है. साल 2017 के विनाशकारी बाढ़ को याद करते हुए लोग सुरक्षित ठिकानों की तलाश में जुट गये हैं. बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के लोगों ने बताया कि इस साल बारिश अधिक हो रही है. मौसम विभाग भी सचेत कर रहा है. ऐसे में घरों के सामान, अनाज, पशुओं की सुरक्षा की चिंता है. लोग सुरक्षित ठिकानों की तलाश शुरू कर दिये हैं.

गंगा और कोसी नदी भी उफान पर 

गंगा, कोसी और बरंडी नदी के जलस्तर में शनिवार को भी वृद्धि दर्ज की गयी. बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल के अनुसार, गंगा नदी के रामायणपुर में शुक्रवार की शाम 24.33 मीटर दर्ज किया गया, जो शनिवार की सुबह बढ़ कर 24.39 मीटर हो गया. इसी नदी के काढ़ागोला घाट पर जलस्तर 27.35 मीटर दर्ज किया गया था, जो बढ़ कर 12 घंटे बाद शनिवार की सुबह 27.39 मीटर हो गया. बरंडी नदी का जलस्तर एनएच-31 के डूमर पर शुक्रवार की शाम 27.86 मीटर दर्ज किया गया. जबकि, शनिवार की सबेरे बढ़ कर 27.92 मीटर हो गया. कोसी नदी का जलस्तर कुरसेला रेलवे ब्रिज पर शुक्रवार की शाम 27.05 मीटर था, जो शनिवार की सुबह बढ़कर 27.15 मीटर हो गया.

खतरे के निशान से ऊपर बह रही महानंदा

महानंदा का जलस्तर शनिवार को खतरे के निशान के ऊपर आ गया. वहीं, गंगा,कोसी समेत कई नदियों के जलस्तर में भी काफी वृद्धि दर्ज की गयी. नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी होने से दर्जनों गांव के निचले हिस्से में बाढ़ का पानी आ गया है. वहीं, जलस्तर में बढ़ोतरी से तटबंध पर कटाव का खतरा भी बढ़ गया है. वहीं, अररिया सहित नेपाल के तराई इलाकों में लगातार हो रही बारिश से सिकटी प्रखंड की बकरा व नूना नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि जारी है. इससे बाढ़ की आशंका से लोग भयभीत हैं. बकरा के जल स्तर में तेज वृद्धि के कारण विभिन्न घाटों पर चचरी के पुल बह गये हैं.

Rajat Kumar
Rajat Kumar
Media Person. Five years of experience working in digital media doing videos and writing content. Love to do ground reporting.

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