पूर्व परीक्षा नियंत्रक के डिजिटल हस्ताक्षर के दुरुपयोग का जांच रिपोर्ट में खुलासा
पूर्णिया. पूर्णिया विवि में हुए डिग्री घोटाले में एक और पूर्व परीक्षा नियंत्रक जद में आ गये हैं. पूर्व परीक्षा नियंत्रक प्रो. विनय कुमार सिंह के डिजिटल हस्ताक्षर का दुरुपयोग किये जाने की बात सामने आयी है. जांच कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार स्वयं पूर्व परीक्षा नियंत्रक प्रो. विनय कुमार सिंह ने इस बारे में रिपोर्ट की है. वैसे यह खुलासा पूर्व परीक्षा नियंत्रक प्रो. विनय कुमार सिंह ने तब किया है जब पूर्णिया विवि में चार सत्र का दीक्षांत समारोह संपन्न हो चुका है. विगत 20 जून 2024 को सत्र 2018-20, 2019-21, 2020-22 और 2021-23 के उत्तीर्ण छात्र-छात्राओं के लिए विगत 20 जून 2024 को दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया. चार सत्र के 87 टॉपर को गोल्ड मेडल दिया गया. दीक्षांत समारोह बीतने के छह महीने के बाद पूर्व परीक्षा नियंत्रक प्रो. विनय कुमार सिंह ने यह मसला उठाया है. इस संबंध में पूर्व परीक्षा नियंत्रक प्रो. विनय कुमार सिंह ने बताया कि फरवरी 2024 में वे रिटायर हुए है. करीब दो महीने पहले उन्हें पता चला कि उनके डिजिटल साइन को इस्तेमाल किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि नियम तो यह है कि उनके रिटायर होने के अगले दिन से ही यूएमआइएस सिस्टम से उनका डिजिटल साइन हटा दिया जाना चाहिए था. इधर, पूर्व परीक्षा नियंत्रक प्रो. ए के पांडेय ने बताया कि उनसे पहले पूर्णिया विवि में डबल लिटरेचर, असंबद्ध विषयों में कॉलेज नामांकन जैसी कई तकनीकी समस्याएं परीक्षा विभाग के समक्ष थीं. कई विशेष परीक्षाएं करायी गयीं. उन विशेष परीक्षाओं के बाद टीआर का मसला सामने आया.बीएमटी लॉ कॉलेज ने असंबद्ध मूल्यांकन केंद्र बताने पर जतायी आपत्ति
बीएमटी लॉ कॉलेज ने जांच कमेटी की रिपोर्ट में उस तथ्य को भ्रामक और बेबुनियाद बताया है, जिसमें मूल्यांकन केंद्र के रूप में बीएमटी लॉ कॉलेज को असंबद्ध इकाइ बताया गया है. बीएमटी लॉ कॉलेज के प्राचार्य आशुतोष कुमार ठाकुर ने बताया कि मानव संसाधन विकास विभाग, बिहार सरकार ने उनके कॉलेज को स्थायी संबंधन प्रदान कर रखा है. पूर्णिया विवि ने पंचवर्षीय और त्रिवर्षीय पाठ्यक्रम में नामांकन की अनुमति दी है. विवि की वेबसाइट और विभिन्न अवसरों पर खुद विवि ने उनके कॉलेज को मान्यता दी है. ऐसे में उनके कॉलेज को परीक्षा मामले की जांच कर रही जांच कमेटी की ओर से असंबद्ध संस्थान के रूप में दर्शाना आपत्तिजनक है. उन्होंने बताया कि बीते 24 जनवरी को जब बीएमटी लॉ कॉलेज में मूल्यांकन का कार्य चल रहा था, तब स्वयं वर्तमान कुलपति ने मूल्यांकन केंद्र का निरीक्षण किया था. गौरतलब है कि जांच कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार, डीपी टू 2024, डीपी थ्री 2024, डीपी वन स्पेशल 2024, सीबीसीएस थर्ड सेमेस्टर, 2023-27 और सीबीसीएस फर्स्ट सेमेस्टर 2024-28 उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन बीएमटी लॉ कॉलेज में कराया गया था.बीएड वन और बीएड टू परीक्षा कराने में दिखायी जल्दबाजी
जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में बीएड पार्ट वन और बीएड पार्ट टू की परीक्षा मई में कराने का सुझाव दिया है. जांच रिपोर्ट के अनुसार, बीएड वन और बीएड टू की परीक्षा कराने में जल्दबाजी दिखायी गयी है. जांच रिपोर्ट के अनुसार, पूर्व परीक्षा नियंत्रक प्रो. एके पांडेय ने मॉडल ऐकेडमिक कैलेंडर बिहार गजट 2023 का उल्लंघन करते हुए काफी पहले 20 मार्च को ही बीएड कॉलेजों से बीएड वन 2024-26 और बीएड टू 2023-25 का अटेंडेंस रिपोर्ट मांग ली. जबकि ऐकेडमिक कैलेंडर के अनुसार ये परीक्षाएं केवल एक मई से 31 मई के बीच ही हो सकती है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है