पूर्णिया. प्राकृतिक आपदा बाढ़ की पूर्व तैयार को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं. इसी कड़ी में यूनिसेफ, पटना बिहार इंटर एजेंसी एवं जीपीएसभीएस के सहयोग तथा आपदा प्रबंधन एवं स्वास्थ्य विभाग के मार्गदर्शन में जिले के बायसी, बैसा, अमौर, डगरुआ एवं रुपौली प्रखंड से दस-दस एएनएम एवं आशा कर्मियों के लिए बाढ़ पूर्व तैयारी, त्वरित प्रत्युत्तर एवं रिकवरी विषय पर उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया. जीएमसीएच स्थित एएनएम प्रशिक्षण स्कूल में आयोजित इस कार्यशाला में सिविल सर्जन डॉ. प्रमोद कनौजिया ने कहा कि किसी भी आपदा के दौरान घबराना नहीं हैं प्रत्येक कर्मी द्वारा साहस, संयम एवं सहयोग की भावना से स्वास्थ्य सेवा को संचालित करना हैं. उन्होंने प्राथमिकता के तौर पर बाढ़ से पूर्व एवं बाढ़ के दौरान नाजुक समूह के बच्चों, दिव्यांग, वुजुर्ग, गर्भवती महिला एवं धात्री माता पर विशेष ध्यान रखने को कहा. जिला सलाहकार कमल कामत ने वैसे सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों एवं उप स्वास्थ्य केन्द्रों को पूर्व में ही चिन्हित कर लेने को कहा जिन्हें बाढ़ में डूबने का खतरा हो सकता हैं, प्रशिक्षण में आपदा मित्र धीरज कुमार एवं भावना कुमारी ने बाढ़ के दौरान अपनाने वाले जीवन रक्षक कौशल, डूबने से सुरक्षा, सर्पदंश से सुरक्षा एवं वज्रपात से सुरक्षा की जानकारी मौकड्रिल के माध्यम से प्रदान किये. इस कार्यशाला में स्वास्थ्य विभाग के एओ रतन चौधरी सहित लगभग 80 लोग शामिल रहे.
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