स्वस्थ भविष्य के लिए बाल्यावस्था में पोषण जरुरी : डॉ ज्ञान कुमारी राय
पूर्णिया. स्थानीय बाल सुधार गृह में अखिल बिहारी मंच द्वारा बच्चों के लिए नियमित आहार एवं पोषण से संबंधित जागरूकता अभियान चलाया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहीं अखिल बिहारी मंच की प्रदेश अध्यक्ष डॉ. ज्ञान कुमारी राय ने कहा कि बाल्यावस्था में पोषण केवल शारीरिक विकास का माध्यम नहीं होता, यह बच्चों की सोच, संस्कार और आत्मबल की नींव रखता है. हम अगर आज के बच्चों को सही दिशा देना चाहते हैं, तो सबसे पहले उनके आहार और स्वास्थ्य को प्राथमिकता देनी होगी. उन्होंने यह भी कहा कि बाल सुधार गृह में रह रहे बच्चे समाज के ही अंग हैं, और उन्हें एक समान स्नेह, शिक्षा व पोषण की आवश्यकता है. वहीं पर्यवेक्षण गृह के अधीक्षक धर्मेंद्र कुमार ने कहा कि सुधार गृह केवल देखभाल का स्थान नहीं, यह पुनर्निर्माण की प्रयोगशाला है. हम यहां जिन बच्चों के साथ कार्य कर रहे हैं, उनका मानसिक और शारीरिक विकास सुनिश्चित करना हमारा सामाजिक उत्तरदायित्व है. जागरूकता अभियान का नेतृत्व कर रहीं न्यूट्रिशनिस्ट एवं प्रदेश उपाध्यक्ष नैना प्रसाद ने बच्चों को पोषण की बुनियादी अवधारणाओं को बेहद सरल, संवादात्मक और भावनात्मक तरीके से समझाया. उन्होंने कहा एक बच्चे का 80% मानसिक विकास प्रारंभिक वर्षों में होता है और उसमें संतुलित भोजन की भूमिका सबसे बड़ी होती है. नैना प्रसाद ने बच्चों को भोजन की विविधता, समय पर खानपान, मौसमी फल-सब्जियों और स्वच्छता से जुड़ी आदतें अपनाने की सलाह दी. कार्यक्रम के अंत में बच्चों के बीच पौष्टिक आहार सामग्री वितरित की गई और उन्हें स्मार्ट फूड चॉइस अपनाने की शपथ भी दिलाई गई. अखिल बिहारी मंच की बिहार प्रदेश विधि सलाहकार किशोरी बबीता चौधरी द्वारा इस आयोजन के प्रस्ताव का संपूर्ण समन्वय अक्षय शर्मा द्वारा किया गया. इस अवसर पर डॉ. ज्ञान कुमारी राय, नैना प्रसाद, भागवत झा, विवाह कुमारी, महालक्ष्मी जायसवाल, धर्मेंद्र कुमार, अंगद कुमार एवं अर्पणा कुमारी उपस्थित रहे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है