पूर्णिया. महाबोधि महाविहार बोध गया मुक्ति आंदोलन को लेकर गत शनिवार को सीमांचल क्षेत्र के कटिहार और अररिया सहित पूर्णिया जिले के बौद्ध परिवारों ने मुख्यमंत्री बिहार सरकार पटना के नाम पूर्णिया जिला प्रशासन को एक ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन में मुख्य रूप से बीटीएमसी 1949 एक्ट द्वारा चल रही बोध गया मठ प्रबंधन को खारिज करने मांग की गई है. नव बौद्ध संगठन के धम्म आचार्य श्याम बाबू ने बताया कि यह संविधान के अनुच्छेद 13 एवं 26 के खिलाफ है. उन्होंने आरोप लगाया कि बिहार सरकार बौद्ध विरासत को मिटाने की कोशिश में लगी हुई है जबकि यह विश्व धरोहर स्थल के रूप में विख्यात है और बुद्ध की ज्ञान स्थली भी है. धम्म आचार्य ने बताया कि इस वर्ष 12 फरवरी से लेकर आज तक विरोध प्रदर्शन जारी है. 29 जुलाई को उच्चतम न्यायालय में अंतिम निर्णय आने वाला है. उन्होंने सभी से उस दिन सतर्क व सजग रहने की अपील की है. इस मौके पर श्याम बाबू, राजेंद्र बौद्ध, उमेश कुमार बौद्ध, हरि लाल गौतम, बुद्धिस्ट शशि कांत सुशील, सुमन कुमार, ई.पीएन सिंह, विमल कुमार, प्रवेश रजक, काला देवी, साध्वी चम्पा, शंभू मलिक, नवीन्द्र बौद्ध सहित कई अन्य लोग मौजूद थे.
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