किलकारी बिहार बाल भवन में आयोजित समर कैंप चक धूम-धूम का हुआ समापन
पूर्णिया. बिहार बाल भवन किलकारी पूर्णिया में चल रहे चक धूम-धूम समर कैंप 2025 का रविवार को समापन हो गया. विगत 21 दिनों से किलकारी परिसर में चल रही विभिन्न प्रकार की गतिविधियों के सफलता पूर्वक संचालन के पश्चात इस समर कैंप का भव्य समापन समारोह प्रेक्षागृह आर्ट गैलरी में किया गया. इस मौके पर बतौर मुख्य अतिथि पूर्णिया के जिलाधिकारी अंशुल कुमार उपस्थित थे, जबकि अन्य अतिथियों में उप विकास आयुक्त चंद्रिमा अत्री, एडीएम लॉ एंड ऑर्डर, पूर्णिया के प्रमंडलीय समन्वयक त्रिदीप शील शामिल थे. इस अवसर पर जिलाधिकारी अंशुल कुमार ने बच्चों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि किलकारी के बच्चों में अद्भुत रचनात्मक परिवर्तन दिखा रहा है. उन्होंने स्टॉल भ्रमण के दौरान बच्चों द्वारा तैयार मॉडल की चर्चा करते हुए कहा कि विज्ञान में बच्चे बहुत ही अद्भुत प्रदर्शन कर रहे हैं और बच्चे खुद करके सीख रहे हैं, यह सबसे बड़ी बात है. टेक्सटाइल में बच्चे अपने से नये-नये डिजाइनों पर कार्य कर रहे हैं. हस्तकला में भी बच्चों ने बहुत ही अच्छे से सभी चीजें तैयार की हैं जो उनके अंदर छुपी रचनात्मक कला का परिचायक है. ब्लैक पॉटरी में भी बच्चों ने मिट्टी से खुद को केंद्रित कर अनेक वस्तुओं का निर्माण किया है, बच्चे अपनी मिट्टी से जुड़ने का प्रयास कर रहे हैं. यह सुखद संदेश है. इसके अलावा ताइक्वांडो के बच्चे बेहतरीन सेल्फ डिफेंस भी सीख रहे हैं. सुरक्षा एवं आत्मरक्षा के लिए इन कलाओं को सीखने से बच्चियों में आत्मविश्वास बढ़ेगा और वे अपनी सुरक्षा खुद करने में सक्षम होंगी.समर कैंप में करीब ढाई हजार बच्चे हुए शामिल
किलकारी बिहार बाल भवन पूर्णिया के प्रमंडल समन्वयक त्रिदीप शील ने बताया कि इस समर कैंप में बच्चों ने 23 विभिन्न विषयों पर आयोजित कार्यशालाओं में भाग लिया, जो विभिन्न भाषाओं और विधाओं में आयोजित की गयी थीं. इस समर कैंप में सरकारी विद्यालय के एक हजार 312 और गैर सरकारी विद्यालय के एक हजार 193 कुल 2505 बच्चे सम्मिलित हुए. उन्होंने कहा कि इस कैंप में बच्चों ने सीखने, खेलने और रचनात्मकता की नई ऊंचाइयों को छुआ है.
बच्चों ने रंगारंग कार्यक्रमों की प्रस्तुति दे बांधा समां
समर कैंप के समापन के मौके पर किलकारी पूर्णिया के बच्चों ने इस कैम्प में प्रशिक्षण के दौरान जिन विधाओं की शिक्षा ली उनकी प्रस्तुति देकर सभी का मन मोह लिया. इन कार्यक्रमों में बच्चा बैंड द्वारा विभिन्न प्रकार के म्यूजिक इंस्ट्रूमेंट बजाए गए जिसके साथ टेक्सटाइल और पेंटेड कपड़े पहन कर बच्चों ने रैंप वॉक किए. बंगाल के प्रसिद्ध बाउल लोकगीत के अलावा उप शास्त्रीय ठुमरी, कजरी गीत, उदय शंकर स्टाइल शांति नियुक्त एवं शिव वंदना, केरल के मार्शल आर्ट कलारीपट्टू, छोटे बच्चों द्वारा गानों पर नृत्य, फणीश्वर नाथ रेणु लिखित कहानी लाल पान की बेगम का नाट्य रूपांतरण की प्रस्तुति के अलावा तबला वादन व आसामी बिहू लोक नृत्य की प्रस्तुति पर बच्चों ने खूब वाहवाही लूटी.कार्यक्रम की सफलता में रही इनकी भागीदारी
कार्यक्रम को सफल बनाने में सहायक कार्यक्रम पदाधिकारी नेहा कुमारी, प्रमंडल रिसोर्स पर्सन रुचि कुमारी, सभी प्रशिक्षक गण मो. जहान, मुकेश कुमार झा, अमरनाथ झा, कुमार वरुण, कृष्णा रावत, सद्दाम हुसैन, अमित कुमार, मनोज कुमार पोद्दार, टिंकी कुमारी, सोनी कुमारी, अमृत राज, जूही कुमारी, सुमिता कुमारी, अजय कुमार, पूजा कुमारी, वर्षा रानी, अंकिता कुमारी, सरगम कुमारी, पंकज कुमार, कर्मी विकास आनंद, विवेकानंद पासवान, शोभानंद कुमार, मीना हेंब्रम, जुली कुमारी, राहुल कुमार आदि का भरपूर सहयोग रहा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है