अमौर. अमौर प्रखंड के जनता उच्च विद्यालय विष्णुपुर में सोमवार को विदाई सह सम्मान समारोह का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता प्रधानाचार्य मो हासिम अंजुम ने की. समारोह में विद्यालय के प्रति समर्पित शिक्षक विश्वनाथ दास को पदोन्नति उपरांत स्थानांतरण पर सम्मान के साथ भावपूर्ण विदाई दी गई. इस अवसर पर प्रधानाचार्य मो हासिम अंजुम ने कहा कि विश्वनाथ दास 03-07-2014 को जनता उच्च विद्यालय विष्णुपूर में योगदान किये थे और उन्होंने लगभग 11 वर्षों तक इस विद्यालय में अपने कर्तव्यों का बखूबी निर्वहन किये हैं. दिनांक 21.07.2025 को विभागीय निर्देश पर पदोन्नति पाकर उन्होंने उत्क्रमित उच्च विद्यालय एकम्बा, प्रखंड जलालगढ़ में प्रधानाचार्य पद पर योगदान किया है. उन्होंने कहा कि आज हमलोग जनता उच्च विद्यालय विष्णुपुर से स्थांतरित शिक्षक विश्वनाथ दास को विदाई देने के लिए यहां एकत्रित हुए हैं. यह एक सुखद और दुखद क्षण है. सुखद इसलिए है कि विश्वनाथ दास की कड़ी मेहनत और समर्पण को आखिरकार पदोन्नति मिली है, और दुखद इसलिए कि हम उन्हें अपने बीच से विदा कर रहे हैं. विश्वनाथ दास ने पिछले 11 वर्षों में हमारे विद्यालय में अमूल्य योगदान दिया है. वे न केवल एक उत्कृष्ट शिक्षक हैं, बल्कि एक प्रेरणादायक व्यक्ति भी हैं. उन्होंने हमेशा छात्रों को शिक्षा के प्रति प्रेरित किया है.उन्हें कड़ी मेहनत करने और अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित किया है. प्रधानाचार्य ने कहा कि हम आपके उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हैं, और हमें उम्मीद है कि आप अपनी नई भूमिका में भी सफलता प्राप्त करेंगे. समारोह में श्री विश्वनाथ दास ने अपने संदेश में कहा कि सरकारी सेवा में आना और जाना एक संवैधानिक प्रक्रिया है जिससे सभी सरकारी कर्मियों को गुजरना होता है. उन्होने कर्म प्रधानता पर बल देते हुए कहा कि हमें कर्म और दायित्वों के प्रति सचेष्ट रहना चाहिए. कर्म से जहां पथ प्रशस्त होता है वहीं कार्य दायित्वों के निष्ठापूर्वक निर्वहन से मान सम्मान बढ़ता है. उन्होंने विद्यालय के सभी छात्र छात्राओं को शिक्षा के प्रति उत्प्रेरित किया और उनके उज्वल भविष्य की कामना की. इस अवसर पर विद्यालय के सभी शिक्षक शिक्षिका और छात्र छात्राओं ने शिक्षक श्री विश्वनाथ दास को फूलमाला , गुलदस्ता, अंगवस्त्र व अन्य उपहार देकर सम्मानित किया और नम आंखों से भावपूर्ण विदाई दी. समारोह में पूर्व प्रधानाचार्य मो समीम अख्तर, शिक्षकों में कामनी कुमारी, सफी अहमद, गुलाम सरवर आलम, मो मुसफिक आलम, सुशील कुमार चौधरी, मो मजरूल हक, पप्पू कुमार यादव, अनिल कुमार, पवन कुमार, प्रेम किशोर भारती, स्नेहा कुमारी, सचीन कुमार, इसराइल, अचला, हीना रानी, अनुपम कुमारी, अमित कुमारी, अबु नसर, अर्चना रानी, मो मनोव्वर हुसेन, सिमपल कुमार, स्मिता कुमारी क्लर्क, संतोष कुमार परिचायक आदि ने मुख्य रूप से विचार प्रकट किये.
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