जीआरबी वाले शिक्षकों को दिसंबर 2024 से अब तक नहीं मिला वेतन
कहीं जनवरी तो कही फरवरी महीने से लंबित पड़ा है शिक्षकों का वेतन
जिले के 11 हजार से अधिक शिक्षकों में वेतन नहीं मिलने से छायी मायूसी
पूर्णिया. जिले में भले ही होली को लेकर उत्सव और उत्साह का माहौल है पर इस बार शिक्षकों के लिए होली के साथ रमजान का भी त्योहार फीका रहेगा. वेतन के अभाव में जिले के शिक्षक आर्थिक संकट झेल रहे हैं. विडंबना है कि होली का त्योहार 14 व 15 मार्च को है जबकि रमजान चल रहा है. शिक्षकों के घर में बच्चों का डिमांड का लिस्ट बन कर तैयार है लेकिन वेतन नहीं मिलने से शिक्षकों में मायूसी छायी हुई है क्योंकि दुकानदारों ने भी उधार देने से मना कर दिया है. ज्ञात हो कि जिले में प्राइमरी स्कूल से लेकर मिडिल व हाई स्कूलों में करीब बारह हजार से अधिक शिक्षक हैं. इनमें से रूपौली, बायसी और नगर निगम क्षेत्र के करीब 800 शिक्षकों को जीआरबी के जरिये वेतन मिलता है, जिन्हें दिसंबर 2024 से अब तक वेतन नहीं मिला है. यानी चार महीने से वेतन नहीं मिला है. इसी तरह जिले के करीब 11 हजार से अधिक शिक्षकों में किन्हीं को जनवरी तो किन्हीं को फरवरी महीने का वेतन नहीं मिला है. इसमें विशिष्ट, नियोजित और बीपीएससी शिक्षक शामिल हैं. वेतन मांग को लेकर शिक्षक संघ में आक्रोश व्याप्त है.वेतन से वंचित रखा जाना गंभीर विषय
बिहार शिक्षक एकता मंच के जिला संयोजक सह बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ जिलाध्यक्ष पवन कुमार जायसवाल और विशिष्ट शिक्षक एकता मंच के जिला संयोजक दीपक सिंह भदौड़िया ने कहा कि वेतन नहीं मिलने से होली और रमजान जैसे महत्वपूर्ण त्योहार फीका साबित होगा. जिलाध्यक्ष श्री जायसवाल ने बताया की रमजान एवं होली जैसे महत्वपूर्ण त्योहार में जीओबी शिक्षकों को वेतन नहीं मिलने से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का दावा खोखला साबित हो रहा है. जिलाध्यक्ष ने कहा कि पर्व के अवसर पर भी बीपीएससी, विशिष्ट शिक्षकों तथा कुछ प्रखंडों में नियोजित शिक्षकों को वेतन से वंचित रखा जाना बहुत ही गंभीर विषय है.धीमी गति के कारण वेतन प्रक्रिया बाधित
विशिष्ट शिक्षक एकता मंच के जिला संयोजक दीपक सिंह भदौरिया ने कहा कि विशिष्ट शिक्षक एक जनवरी 2025 को ही योगदान कर चुके हैं, लेकिन विभागीय उदासीनता के कारण अभी तक मात्र 50 प्रतिशत विशिष्ट शिक्षकों का प्राण जनरेट हो पाया है. जिस कारण विशिष्ट शिक्षकों का वेतन प्रक्रिया बाधित है. उन्होंने कहा कि दो माह से वेतन नहीं मिलने से विशिष्ट शिक्षक भुखमरी के कगार पर पहुंच गए है. भदौरिया ने कहा कि अन्य जिलों में प्राण जनरेट का रफ्तार काफी तेजी से हो रहा है, लेकिन पूर्णिया जिले में बहुत धीमी गति से कार्य हो रहा है.उन्होंने सरकार से जल्द विशिष्ट शिक्षकों का वेतन भुगतान करने की मांग की है. शिक्षकों में घनानंद मंडल, राजाराम पासवान, अभिषेक पंकज, शकील आलम, चंदन कुमार, अरुण मिश्रा आदि ने अविलंब वेतन भुगतान की मांग की है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है