बदला मौसम का मिजाज:
सुबह होते ही फिर छा गया अंधेरा, सड़कों पर हेडलाइट जला कर चलते रहे वाहन
मेघगर्जन के साथ पूर्णिया में कहीं मध्यम तो कहीं झमाझम बारिश, चमकती रही बिजली
तेज हवा के साथ हो रही बारिश, बिगड़ा मौसम तो बिजली की आपूर्ति भी घंटों रही ठप
पूर्णिया. मौसम ने फिलहाल करवट ले लिया है और तेज हवा के साथ बारिश की शुरुआत हो गयी है. गुरुवार को दोपहर कुछ देर भले ही का कुछ घंटा धूप का मंजर दिखा पर इसे छोड़ दें तो पूरे दिन बारिश होती रही. इस दौरा मेघ गरजते रहे और बिजली चमकने का सिलसिला लगातार जारी रहा. मौसम विभाग ने बारिश को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी कर दिया है. मौसम विभाग के पूर्वानुमान की मानें तो गुरुवार के बाद 13 अप्रैल तक 30 से40 किमी प्रति घंटा हवा की रफ्तार के साथ बारिश हो सकती है. इस दौरान वज्रपात की भी संभावना जतायी गयी है. इधर, गुरुवार को पूर्णिया का अधिकतम तापमान 34.0 एवं न्यूनतम तापमान 21.0 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया. आईएमडी द्वारा कई दिनों से मौसम के इस मिजाज को लेकर अलर्ट किया जा रहा था. गुरुवार की सुबह ही बादलों के बीच हुई. सुबह कुछ देर तो आसमान साफ रहा पर फिर अचानक अंधेरा छा गया. सुबह आठ से नौ बजे के बीच इतना अंधेरा छा गया कि लोग हेड लाइट जलाकर सड़कों पर वाहन चलाते नजर आए. इस बीच पूर्णिया में कहीं मध्यम तो कहीं झमाझम बारिश हुई जबकि मेघगर्जन लगातार जारी रहा. वैसे, देखा जाए तो एक दिन पहले बुधवार की देर शाम तक मौसम शुष्क बना हुआ था और गर्मी काफी तेज हो गयी थी. गुरुवार की बारिश के बाद गर्मी से राहत तो जरुर मिली पर शहर के गली-मुहल्लों की सड़कों पर पानी जमा हो गया. इससे लोगों की परेशानी बढ़ गयी. इधर, हवा के साथ बारिश होते ही बिजली कट हो गयी और इससे भी लोग परेशान हुए. मौसम विभाग के पूर्वानुमान कीमानें तो शुक्रवार को भी जिले में बारिश का दौर जारी रहेगा.इस दौरान मेघगर्जन के साथ बिजली भी चमकने की संभावना है जबकि झोकों के साथ तेज हवा भी चलेगी.गेहूं और मक्का में नुकसान की संभावना
पूर्णिया. जलालगढ़ कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. गोविन्द कुमार ने बताया कि यह बारिश कोई साइक्लोन की वजह से हो रही है इसे प्री मानसून की बारिश नहीं कहा जा सकता. इस बारिश का कुछ फसलों पर प्रतिकूल और कुछ के लिए अनुकूल असर पड़ेगा. ख़ास तौर पर गेहूं और मक्का की फसल जो लगभग कटनी की अवस्था में खेतों में खड़ी हैं उनकी बालियों में पानी का असर पड़ने से अन्दर के दाने अंकुरित हो सकते हैं जिससे फसल का नुकसान संभव है. जो किसान गेहूं का उत्पादन बीज के लिए कर रहे हैं वो काम के योग्य नहीं रह पायेंगे. अगर हवा तेज चली तो मक्का के पौधे के साथ साथ आम के टिकोले आदि गिर सकते हैं. बारिश के लगातार होने की स्थिति में मक्का में जलजमाव खड़ी फसल को नुकसान पहुंचा सकता है. दूसरी ओर हुई बारिश से आम और लीची के साथ साथ विभिन्न सब्जी वर्गीय फसलों को इससे फायदा ही पहुंचेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है