पूर्णिया. पूर्व सांसद उदय सिंह ने कहा कि बिहार उस कगार पर पहुंच चुका है, जहां बदलाव जरूरी है. उन्होंने कहा कि वे जदयू-बीजेपी और आरजेडी को एक ही मानते हैं. इन्हें डर सता रहा है कि कहीं जनसुराज आ न जाये. उन्होंने कहा कि इन तीनों पार्टियों ने जनसुराज पर प्रहार कर दिया है. उन्होंने कहा कि उन्हें लगता है कि भ्रष्टाचार का पैसा इन सभी में बंटता है. उन्होंने कहा कि आने वाले विधानसभा चुनाव में बिहार की जनता जनसुराज को बहुमत देगी ताकि राज्य में अच्छी और स्थिर सरकार बने. शुक्रवार को अपने पूर्णिया स्थित आवास पर पत्रकारों को संबोधित करते हुए पूर्व सांसद उदय सिंह ने कहा कि बिहार में अन्याय, अत्याचार और भ्रष्टाचार के साथ बेकार व्यवस्था चरम सीमा तक पहुंच चुकी है. ऐसी स्थिति में ही बिहार में जनसुराज की स्थापना हुई है. जनसुराज की मुहिम चल रही है और पिछले ढाई साल में प्रशांत किशोर ने हजारों किलोमीटर पदयात्रा कर आमजनों को पार्टी के विचारों से अवगत कराया है. उन्होंने कहा कि जैसे जैसे आवश्यकता पड़ेगी, उनकी भी भूमिका जनसुराज में रहेगी. इसमें कोई कंफ्यूजन है. जनसुराज कोई साधारण राजनैतिक दल की तरह नहीं बना है. विशेष कारण से जनसुराज की स्थापना हुई है. पहलगाम हमले पर गृहमंत्री को देना चाहिए इस्तीफा : पूर्व सांसद उदय सिंह ने कहा कि पहलगाम की घटना अत्यंत शर्मनाक है, इसकी जितनी निंदा की जाय कम है. देश के गृहमंत्री को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए. उन्होंने कहा कि गृहमंत्री यह कहते थकते नहीं थे कि धारा 370 हटाने के बाद कश्मीर पूरी तरह सुरक्षित हो गया है. दो वर्षों से कश्मीर में सैलानियों का आना जाना बहुत बढ़ गया है. उन्होंने कहा कि कश्मीर की अर्थव्यवस्था टूरिज्म से जुड़ी है. हमारे गृहमंत्री को स्थिति की सच्चाई जाननी थी. पहलगाम से उपर ऐसी जगह पर सैलानी हजारों की संख्या में जा रहे थे जहां न तो सुरक्षा की व्यवस्था थी और न ही सड़क और इलाज की. ऐसे में आतंकवादी बड़ी आसानी से सैलानियों को गोली मार कर चलते बने. ऐसी स्थिति में हमारे खुफिया तंत्र को क्यों घटना के अगले दिन पता चलता है कि वारदात को अंजाम देने वाले कौन थे और किसने साजिश रची थी. क्या आतंकवादी घटना को अंजाम देकर अपना नाम पता और फोटो छोड़ जाते हैं. ऐसी घटना होने से पहले क्यों नहीं रोका जाता. केंद्र सरकार के साथ खड़ा है पूरा देश : उन्होंने कहा कि पहलगाम की घटना के बाद केंद्र सरकार के साथ पूरा देश खड़ा है. उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार के कार्यकाल में पहलगाम की घटना देश में 24 वी घटना है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के विरद्ध सख्त कार्रवाई में सिंधु नदी जल समझौता रद्द करने पर गंभीरता से विचार नहीं किया गया. नदी के पानी को अधिक दिनों तक नहीं रोका जा सकता है. कोई वैकल्पिक व्यवस्था होनी नहीं है. पाकिस्तान के हुकूमत की सजा वहां के आमलोगों को देना ठीक नहीं है. आतंकवादियों के करतूत की सजा साधारण आदमी को मिलना उचित नहीं.
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