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पूर्णिया सिटी में उमंग व आस्था के बीच निकलेगी भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा

रथयात्रा महोत्सव की तैयारियों को दिया फाइनल टच

सिटी जगन्नाथ मंदिर में रथयात्रा महोत्सव की तैयारियों को दिया फाइनल टच

बड़े भाई बलभद्र वर बहन सुभद्रा संग नगर भ्रमण कर मौसी के घर जाएंगे भगवान

पूर्णिया. असीम आस्था के माहौल में मंत्रोच्चार के साथ शंखध्वनि के बीच शुक्रवार को भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा निकलेगी. एक दिन के लिए पूर्णिया में पुरी का नजारा नजर आएगा. शुक्रवार को भगवान जगन्नाथ का एकांतवास खत्म हो रहा है और इस दिन भगवान जगन्नाथ, उनके बड़े भाई बलभद्र, और बहन सुभद्रा भव्य रथ पर सवार होकर अपने मौसी के घर की ओर प्रस्थान करेंगे. इस दौरान नगर भ्रमण करते हुए भगवान अपने भक्तों को दर्शन भी देंगे. पूर्णिया सिटी जगन्नाथ मंदिर में आगामी रथयात्रा महोत्सव की तैयारी पूरी कर ली गयी है. यहां हर साल की तरह भगवान जगन्नाथ मंदिर से रथयात्रा निकाली जाएगी. इससे पहले महाआरती भोग आरती, ब्राह्मण भोजन, प्रसाद भंडारा का आयोजन किया जाएगा. गौरतलब है कि पूर्णिया सिटी में हर साल जगन्नाथ मंदिर से बड़े धूमधाम के साथ रथ यात्रा निकाली जाती है. यह रथयात्रा मुख्य रूप से आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि के दिन निकाली जाती है. इसमें सैकड़ों की संख्या में भक्त शामिल होते हैं. यह मान्यता है कि भगवान जगन्नाथ को भगवान विष्णु का ही अवतार माना जाता है. हर साल जिला मुख्यालय से सटे सिटी में रथ यात्रा का आयोजन किया जाता है. इस दिन मुख्य रूप से तीन देवताओं की पूजा की जाती है, जिसमें भगवान जगन्नाथ, उनके बड़े भाई बलभद्र और उनकी बहन सुभद्रा शामिल हैं. पिछले दिनों हुई आयोजन समिति की बैठक में रथयात्रा की तैयारी को लेकर विचार विमर्श किया गया था और इसी आलोक में सिटी जगन्नाथ मंदिर एवं रथ को सजाया-संवारा गया है जबकि मंदिर का रंग रोगन किया गया है. गुरुवार के दिन मंदिर की सजावट को अंतिम रुप दिया गया.

आकर्षक रथ पर विराजमान होंगे भगवान

इस साल श्री जगन्नाथजी भव्य एवं आकर्षक रुप से सजे उंचे रथ पर विराजमान होंगे. इस यात्रा में भक्तों का विशाल जनसमूह होगा जो रस्सियों के सहारे रथ को खींचने की होड़ में शामिल होगा. पंडितों के अनुसार, स्कंद पुराण में कहा गया है कि जो इस रथयात्रा में शामिल होता है अथवा भगवान को रथ पर आरूढ़ दर्शनकर लेते हैं तो उन्हें अनंत पुण्य का फल मिलता है. इसके साथ ही इस दौरान निकाली जाने वाली विभिन्न तरह की झांकियां,ढाक से रथयात्रा का दृश्य मनोरम हो जाता है.

पौराणिक मान्यता है रथयात्रा की

पौराणिक मान्यता है कि एक बार द्वारका में कृष्ण की बहन सुभद्राजी ने नगर भ्रमण की इच्छा जतायी. तब भगवान श्रीकृष्ण और बलरामजी ने उन्हें अलग रथ में बैठाकर अपने रथों के मध्य उनका रथ करके नगर का भ्रमण कराया. इसी घटना के स्मरण के रूप में भक्तगण प्रत्येक वर्ष इस रथयात्रा का भव्यतापूर्वक आयोजन किया जाता है.

यहां से गुजरेगा रथ

भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा पूर्णिया सिटी से निकलेगी. यहां खुशकीबाग, कप्तान पाड़ा, ओवर ब्रिज होते हुए गुलाबबाग जीरोमाईल तक जाएगी. यहां इस बार सुनौली चौक आने की बजाय जीरोमाइल से इंडियन पब्लिक स्कूल वाले रोड में आएगी और फिर गुलाबबाग सिटी रोड होते हुए सिटी नाका चौक से गुजर कर वापस श्री जगन्नाथ मंदिर पहुंचेगी. यहां भगवान श्री जगन्नाथ के जयघोष के साथ रथयात्रा का समापन किया जाएगा. कमेटी के मनजीत सिंह, राकेश राय, उमेश चौधरी, अजय दास, अजय दास, विजय शंकर राउत, बिट्टू कुमार काशी चौधरी, पप्पू श्रीवास्तव, अंगू उरांव,माणिक मंडल, गणपत मंडल, राजकुमार यादव, मंटू मंडल, रतन साह,नित्यानंद दास, गजेन्द्र मंडल,भोलू दूबे, सिदाम दास,गौरव मंडल, निखिूल झाव, मनोज झा, कृष्णा झा,प्रीतम कुमार रामलाल दास, कलिया दास समेत तमाम स्थानीय नागरिक तैयारियों को फाइनल टच देने में जुटे हैं.

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