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लोकसभा अध्यक्ष से मिले सांसद, एमपीलैड समेत कई गंभीर मुद्दे उठाये

एमपीलैड समेत कई गंभीर मुद्दे उठाये

पूर्णिया. पूर्णिया के सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने दिल्ली में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से भेंट की. सांसद ने प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना (पीएमएजीवाइ) पर विशेष फोकस करते हुए बताया कि योजना का उद्देश्य ग्रामीण गांवों का सर्वांगीण विकास है, लेकिन इसकी सफलता के लिए समर्पित फंड की आवश्यकता है. वर्तमान में सांसदों के पास गांवों में आवश्यक सुविधाएं- सड़क, स्वच्छता, स्वास्थ्य, डिजिटल कनेक्टिविटी आदि पर खर्च करने के लिए कोई स्थिर वित्तीय साधन नहीं है. उन्होंने आग्रह किया कि प्रत्येक सांसद के लिए वार्षिक निश्चित निधि की व्यवस्था की जाए और उपयोग की पारदर्शिता सुनिश्चित होनी चाहिए. पप्पू यादव ने पिछले एक दशक (2014–24) में पूर्णिया लोकसभा क्षेत्र में सांसद निधि के तहत किए गए विकास कार्यों में भ्रष्टाचार, वित्तीय और तकनीकी गड़बड़ियों का उल्लेख किया. उन्होंने कहा कि सड़कों, स्कूलों, पानी, सामुदायिक भवनों आदि में फर्जी आंकड़े, घटिया सामग्री, बिना टेंडर और निरीक्षण के बिना भुगतान जैसे अपराध स्पष्ट हैं. सांसद ने लोकधन की रक्षा हेतु एमपी लैड कार्यों की सीबीआई या संसदीय समिति की स्वतंत्र जांच कर उसकी जांच रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग की. उन्होंने दिशा की भी आलोचना की, जहां जनप्रतिनिधियों की भूमिका सीमित कर दी जाती है. बैठक सूचना समय पर न मिलना, अधिकारों का हनन, अधिकारियों का असहयोग और रिपोर्टों का खुला न होना उनकी मुख्य शिकायतें रहीं. सांसद ने आग्रह किया कि दिशा बैठकों को पारदर्शी, समयबद्ध और उत्तरदायी बनाने के लिए दिशानिर्देश जारी हों, वीडियोग्राफी हो, और सांसदों के प्रतिनिधियों को अधिकार सुनिश्चित हों. सांसद ने पीएमजीएसवाइ (प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना) के तहत बने ग्रामीण सड़कों के घटिया निर्माण की भी चिंता जताई. उन्होंने आरोप लगाया कि कई सड़कें कुछ ही महीनों में टूट गईं, यह सामग्री और जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही का परिणाम है. उन्होंने केंद्रीय तकनीकी समिति द्वारा स्वतंत्र जांच की मांग की और दोषी ठेकेदारों की सार्वजनिक काली सूची, लाइफटाइम प्रतिबंध व कानूनी कार्यवाही की मांग की. यादव ने एक विशेष घटना का भी उल्लेख किया, जहां कटिहार में हुई 20 सूत्री बैठक में जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा, प्रोटोकॉल का उल्लंघन और अपमानजनक व्यवहार जैसे मामलों की जांच और भविष्य में सांसदों एवं विधायकों की गरिमा की रक्षा के लिए दिशानिर्देश जारी करने का अनुरोध किया.उन्होंने बताया कि 13 जून को पूर्णिया भ्रमण पर थे, लेकिन प्रखंड विकास पदाधिकारी, थाना प्रभारी व अन्य अधिकारी अनुपस्थित रहे. सांसद ने इसे संवैधानिक गरिमा का उल्लंघन बताते हुए स्पष्टीकरण और भविष्य में ऐसे दोष न हो, इसके लिए निर्देश की मांग की.

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