बिजली कंपनी के अधिकारियों की तत्परता से शहर में सुबह तक हुई बिजली बहाल पूर्णिया. शुक्रवार की देर रात आयी आंधी- पानी का जिले में बड़ा असर पड़ा है. हालांकि इस दौरान बहुत ज्यादा बारिश नहीं हुई लेकिन तेज हवा के चलते कई पेड़ों की शाखाओं को धराशायी कर दिया. इसका सबसे ज्यादा असर शहर के विद्युत आपूर्ति पर पड़ा. बिजली की तारों पर पेड़ों की शाखाओं के गिरने की वजह से कई मोहल्ले रातभर अंधेरे में डूबे रहे और कुछ इलाकों में सुबह तक ब्लैक आउट की स्थिति बनी रही वहीं शॉर्टसर्किट की वजह से भी अनेक स्थानों पर बिजली की आपूर्ति घंटों बाधित रही. कलाभवन के समीप वृक्ष की टहनी गिर जाने से पूरी रात मधुबनी और इसके आसपास के मुहल्लों में बिजली गुल रही. इसका सबसे ज्यादा असर सुबह पानी संकट को लेकर रहा हालांकि बिजली कंपनी के अधिकारियों की तत्परता से कुछ स्थानों को छोड़कर धीरे- धीरे सुबह 8 बजे तक बिजली की आपूर्ति सभी जगह बहाल हो गयी. दूसरी ओर शहर के कई इलाकों में हुई बारिश की वजह से जलजमाव की स्थिति भी रही.
आंधी और बारिश का खेती पर मिला-जुला असर
इस आंधी और बारिश का खेती पर भी मिलाजुला असर पड़ा है. जिन किसानों ने अबतक मक्के की कटाई नहीं की है उनके फसलों में क्षति की संभावना दिखाई दे रही है जबकि कई इलाकों में खेतों में खड़ी पैदावार के आंधी की वजह से गिरने की भी जानकारी मिली है. इस आंधी और पानी की वजह से आम और लीची की पैदावार पर भी असर पड़ने की उम्मीद है. एक ओर जहां आंधी की वजह से पेड़ों में परिपक्व हो रहे आम के झड़ने की शिकायत मिली है तो वहीं कृषि वैज्ञानिकों ने इसे बारिश को आम और लीची सहित मौसमी विभिन्न शाक सब्जियों के लिए फायदेमंद बताया है.
टिप्पणी
शुक्रवार देर शाम आये तेज आंधी से शहर के विभिन्न जगहों पर करीब एक दर्जन पेड़ व डाल टूट कर बिजली तार पर गिरने से चार से पांच घंटे तक बिजली आपूर्ति बाधित रही. इसके अलावा कई जगह ट्रांसफार्मर का फ्यूज उड़ गया.आंधी व बारिश खत्म होते ही मानव बल द्वारा त्वरित गति से मरम्मत कार्य किया गया. रात के 3 बजे से पहले बिजली आपूर्ति बहाल हुई.
रोहित कौशिक, सहायक अभियंता बिजली कंपनीकृषि वैज्ञानिक बोले
इस बारिश का विभिन्न सब्जियों पर अच्छा ही परिणाम होगा वहीं आम और लीची के मामले में भी दोनों ही फलों पर बेहतर असर होगा. पानी होने से उनका आकार बढेगा, परिपक्वता आयेगी साथ ही उनके पकने की गति और मिठास में बढ़ोत्तरी होगी. वहीं उन्होंने खेतों में खड़ी मक्का की पैदावार को इस आंधी पानी से नुकसान पहुंचने की बात कही.डॉ विकास कुमार, प्राध्यापक व कृषि वैज्ञानिक, उद्यान विभाग, भोला पासवान शास्त्री कृषि महाविद्यालय
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