चार्टर्ड एकाउंटेंट की फाइनल परीक्षा में प्रथम प्रयास में ही निखिल को मिली बड़ी कामयाबी
पूर्णिया. देश की कठिन परीक्षाओं में सुमार चार्टर्ड एकाउंटेंट की परीक्षा में शहर के मधुबनी स्थित शास्त्रीनगर के बेटे निखिल सिन्हा ने महज 22 साल की उम्र में बाजी मार कर न केवल पूर्णिया को गौरवान्वित किया है बल्कि अपने माता-पिता और शिक्षकों का भी मान बढ़ाया है. पिता की सीख, शिक्षकों का मार्गदर्शन और खुद पर यकीन की बुनियाद पर प्रथम प्रयास में ही बड़ी कामयाबी हासिल करने वाले निखिल के माता-पिता और परिजन कहते हैं कि उन्हें अपने बेटे की सफलता पर नाज है. अपनी इस सफलता का श्रेय अपने माता-पिता एवं शिक्षकों को देते हुए निखिल कहते हैं कि मन अभी भरा नहीं… आसमां छूना बांकी है! अत्यंत साधारण परिवार से आने वाले निखिल ने चार्टर्ड एकाउंटेंट की फाइनल परीक्षा में सफलता का परचम लहरा कर पूर्णिया जिले के सबसे कम उम्र का ‘सी ए’ बनने गौरव हासिल किया है. निखिल की प्रारंभिक परीक्षा एसआरडीएभी पब्लिक स्कूल पूर्णिया से हुई. यहां से मैट्रिक एवं इंटर की परीक्षा पास करने के बाद सीए की पढ़ाई करने के लिए निखिल कोलकाता चले गये. कोलकाता में ही सीए की तैयारी के साथ स्नातक की डिग्री भी प्राप्त की. इस दौरान तैयारी और पढ़ाई जारी रही और इस साल सीए की फाइनल परीक्षा में शामिल हुए जिसमें प्रथम प्रयास में शानदार सफलता मिल गयी. अब प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होकर उच्चस्थ पद हासिल कर देश को अपनी देवा देने की चाहत है. निखिल के पिता संजय सिन्हा एक साधारण प्राइवेट कंपनी कोशी ऑटो एण्ड फार्म इक्विपमेंट में एकाउंटेंट हैं एवं ग्रीन पूर्णिया के सक्रिय सदस्य हैं जबकि माता नीलम सिन्हा एक कुशल गृहिणी हैं. ग्रीन पूर्णिया से जुड़कर पर्यावरण संरक्षण के लिए सक्रिय पिता संजय सिन्हा बताते हैं कि निखिल के घंटों की पढ़ाई और मेहनत ने उन्हें यह कामयाबी दिलवायी है. अपने पुत्र की इस सफलता से वे बहुत खुश हैं. बेटे की सफलता पर खुशी का इजहार करते हुए श्री सिन्हा कहते हैं कि निखिल ने सीए की फाइनल परीक्षा पास कर परिवार के साथ पूरे पूर्णिया का नाम रौशन किया है, उन्हें अपने बेटे की सफलता पर नाज है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है