चैती छठ पर सौरा नदी को बचाने की भाजपा नेता ने उठायी मांग
पूर्णिया. आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक और आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर के समक्ष विगत 8 मार्च को डॉ अनिल कुमार गुप्ता ने सौरा नदी को अविरल बनाने में मदद की गुहार लगाई थी. चैती छठ के खरना के अवसर पर डॉ अनिल कुमार गुप्ता ने एक बार फिर से सौरा नदी को जीवनदायनी बनाने को लेकर आवाज उठायी है. उन्होंने कहा है कि सौरा नदी ही नहीं हमारी पहचान भी है और इसे जीवनदायनी बनाए रखना हम सबका कर्तव्य है. बता दें कि डॉ. गुप्ता सौरा को बचाने और इसकी सफाई को लेकर बीते एक साल से प्रयासरत हैं. इससे पहले भी उन्होंने नदी के काली घाट पर निजी कोष से गार्ड रेलिंग लगाने की पेशकश की थी. इसके बाद प्रशासन व निगम ने इसे अपने हाथ में ले लिया. सर्जन डॉ गुप्ता नदी के लगातार घटते जलस्तर को लेकर एक बार फिर संजीदा हैं. इस बार उन्होंने सिटी काली मंदिर के पास पुल के नीचे नदी में जमा हो रहे गाद को लेकर चिंता जाहिर की है. उन्होंने कहा कि जिस प्रकार नदी का जलस्तर गिरता जा रहा है, उसे देखकर यह सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है कि कारी कोसी की ही तरह सौरा नदी का अस्तित्व जल्द ही खत्म हो जाएगा. उन्होंने कहा कि अगर अभी इसे बचाने के लिए कदम नहीं उठाए गए तो हम शहर अपनी पहचान खो देगा. डा. गुप्ता ने कहा है कि छठ जैसे लोक आस्था के पर्व के लिए हमें जल और नदी घाट की कमी से भी जूझना पड़ेगा. उन्होंने युवाओं से नदी को बचाने के लिए आगे आने की अपील की है. डॉ. गुप्ता ने कहा है कि युवा ऊर्जा में इतना सामर्थ्य है कि वे न केवल राष्ट्र बल्कि अपने आसपास की तस्वीर बदल सकते हैं. उन्होंने युवाओं से नदी को बचाने और गाद की सफाई के लिए श्रमदान देने की अपील की है. उन्होंने एक बार पुन: नदी को बचाने के लिए आर्ट ऑफ लिविंग से सहयोग की गुहार लगाई है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है