समुदाय आधारित कुपोषण प्रबंधन के लिए बताये 10 चरण
पूर्णिया. समुदाय आधारित कुपोषण प्रबंधन को लेकर जिले के एक निजी होटल में स्वास्थ्य और समेकित बाल विकास परियोजना से जुड़े अधिकारियों के लिए दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस दौरान सभी प्रतिभागियों को सामुदायिक स्तर पर अति कुपोषित एवं अति कम वजन वाले बच्चों के प्रबंधन हेतु आवश्यक जानकारी दी गई. यूनिसेफ के राज्य स्तर से आए अधिकारियों ने बाल संवर्धन के लिए समुदाय आधारित कुपोषण प्रबंधन के दस चरणों की विस्तार से जानकारी दी. इसके अलावा मासिक फॉलोअप के बारे में भी बताया गया. विशेषज्ञों द्वारा सभी अधिकारियों को बच्चों के विकास निगरानी और जन जागरूकता में आंगनबाडी सेविका एवं आशा से सहायता लेने, कुपोषित बच्चों को पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) में रेफर करने, परिवारों और देखभाल करने वालों को परामर्श, उचित आहार और साफ-सफाई से संबंधित विषयों पर ध्यान देने के बारे में बतलाया गया. प्रशिक्षण के दौरान चिन्हित सभी गंभीर रूप से कम वजन और गंभीर रूप से दुबले बच्चों के भूख के परीक्षण की जानकारी दी गई. इसके साथ ही हर महीने आंगनवाड़ी सेविकाओं द्वारा पहचान किये गये गंभीर रूप से दुबले बच्चों की सूची अनुसार प्रत्येक बच्चे का वजन और ऊंचाई का पूर्ण सत्यापन कर रिकॉर्ड रखना एवं स्वास्थ्य जांच कर उनकी स्थिति का आकलन कर उनका प्रबंधन करने सी-मैम आईसीडीएस मोबाइल एप्लीकेशन में अति कुपोषित एवं अति कम वजन वाले बच्चों का पंजीकरण, स्वास्थ्य जांच, फॉलोअप, रेफरल से संबंधित विस्तार में सभी क्रियान्वयन के लिए सभी महिला पर्यवेक्षिका एवं प्रखण्ड समन्वयकों को जानकारी दी गई. आयोजित प्रशिक्षण में डीपीओ सुगंधा शर्मा के साथ राष्ट्रीय पोषण अभियान की जिला समन्वयक निधि रानी, जिला प्रोग्राम सहायक सुधांशु कुमार, यूनिसेफ राज्य सलाहकार वृंदा किराडू, स्टेला ग्रेस, जिला पोषण समन्यवक निधि भारती, जिला समन्यवक शुभम गुप्ता और सभी आईसीडीएस परियोजना के महिला पर्यवेक्षिका एवं प्रखण्ड समन्वयक उपस्थित रहे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है