पूर्णिया. सीमांचल में जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से जूझ रहे लघु एवं सीमांत किसानों को सशक्त बनाने के लिए एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. प्रोजेक्ट यूएनएनएटीआइ के तहत आयोजित कार्यशाला में कटिहार, अररिया, पूर्णिया समेत सीमांचल के अन्य जिलों के किसान, किसान उत्पादक कंपनियों), कृषि वैज्ञानिकों, बाज़ार विशेषज्ञों और बाज़ार खरीदारों ने भाग लिया.कार्यशाला में किसानों को जलवायु अनुकूल पैकेज ऑफ प्रैक्टिसेज़ की जानकारी दी गयी. साथ ही किसानों को सैटेलाइट तकनीक और मोबाइल ऐप द्वारा फसल निगरानी और ड्रोन छिड़काव व सटीक खेती और मिट्टी जांच के बारे में जानकारी दी गयी. कार्यशाला में 80 से अधिक महिला उद्यमियों को प्रशिक्षण दिया गया. कार्यशाला में वैज्ञानिकों ने कहा कि जलवायु संकट को देखते हुए यह कार्यक्रम छोटे किसानों के लिए बहुत उपयोगी सिद्ध होगा और उन्हें स्थायी कृषि और बाज़ार से जुड़ने में मदद करेगा.अब तक इस परियोजना के अंतर्गत 10,000 एकड़ भूमि का डिजिटलीकरण और 3500 सॉयल टेस्टिंग पूरी हो चुकी है.साथ ही किसानों को नई तकनीकों से अवगत कराने का अभियान भी प्रारंभ हो चुका है.
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