गुप्त नवरात्र में कसबा काली मंदिर में सजा मां का दरबार, जुट रहे भक्तजन
पूर्णिया. आषाढ़ माह के गुप्त नवरात्र में इस साल फिर कसबा के गुप्त काली मंदिर में देवी मां का दरबार सजाया गया है. गुरुवार को गुप्त नवरात्र के आठवें दिन मंत्रोच्चार के साथ देवी महागौरी का पूजन-अनुष्ठान किया गया. शुक्रवार को देवी दुर्गा के नौवें स्वरुप सिद्धिदात्रि का अनुष्ठान किया जाएगा. इससे पहले, बुधवार को सातवें दिन देवी कालरात्रि की पूजा की गई थी. कोशी और पूर्णिया समेत पूरे सीमांचल में कसबा का यह अकेला मंदिर है जहां एक साल में चार नवरात्र की पूजा होती है. पूजनोत्सव के इस आयोजन में काफी दूर दूर से श्रद्धालु इस मंदिर में आते हैं और मत्था टेकते हैं.गौरतलब है कि गुप्त नवरात्र में देवी की आराधना के दौरान दुर्गा अष्टमी यानी आठवें दिन का खासा महत्व है.देवी की आराधना करने वाले कई लोग दुर्गा अष्टमी के दिन भी अनुष्ठान की पूर्णाहुति करते हैं. कसबा के इस मंदिर में गुप्त नवरात्र के दौरान खास तौर पर वे भक्त जुटते हैं जिन्हें साधना करनी होती है या फिर मनौती मांगनी होती है. ऐसी मान्यता है कि यहां देवी का जागृत स्वरुप है और यही वजह है कि चारों नवरात्र में यहां देवी की पूजा अर्चना और दर्शन के लिए दूर दूर से भक्त पहुंचते हैं. प्रधान पुजारी भगत जी बताते हैं कि विधि विधान से पूजन अनुष्ठान के लिए तिवारी बाबा के मार्गदर्शन में बनारस से विद्वान पंडितों की टीम बुलायी जाती है. इस साल भी बनारस से आए पंडित आचार्य रंजन शुक्ल अनुष्ठान करा रहे हैं. प्रधान पुजारी भगत जी बताते हैं कि इस मंदिर की पहचान शक्तिपीठ के रूप में है और इसी वजह से साल के चारों नवरात्र के अवसर पर पड़ोसी देश नेपाल व पड़ोसी राज्य बंगाल के भक्त यहां पूजा के लिए पहुंचते हैं. विशेष अनुष्ठान के लिए यहां पहुंचे अरुण कुमार सिंह,रौशन कुमार सिंह, रीता देवी ने कहा कि यहां हर मुराद पूरी होती है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है