Samastipur News:समस्तीपुर : जिले की सभी प्रारंभिक विद्यालयों में मध्याह्न भोजन योजना का संचालन नियमानुसार नहीं होने पर संबंधित पर कार्रवाई करने का निर्देश जिला कार्यक्रम पदाधिकारी मध्याह्न भोजन योजना सुमित कुमार सौरभ ने दिया है. उन्होंने जिले की सभी प्रारंभिक विद्यालयों के प्रधानाध्यापक, प्रभारी प्रधानाध्यापक के साथ सभी प्रखंडों के साधनसेवी (एमडीएम) को पत्र लिखकर मध्याह्न भोजन योजना का नियमानुसार संचालन करने का निर्देश दिया है. डीईओ व डीपीओ द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि समग-समय पर विभागीय दिशा-निर्देश व नियमानुसार विद्यालयों में मध्याह्न भोजन योजना का संचालन किया जाना है. जिसके अंतर्गत छात्र-छात्रओं के भोजन से पूर्व नियमानुसार उसे चखा जाय व प्रतिदिन चखना पंजी में उसे अंकित किया जाये. प्रखंड साधनसेवी को निर्देश दिया गया है कि वे विद्यालयों का सघन अनुश्रवण करते हुए सुनिश्चित करेंगे कि मध्याह्न भोजन योजना नियमानुसार व बिना किसी बाधा के संचालित हो रहा है. खाद्य सामग्री के भंडारण व उसे पकाने के दौरान साफ-सफाई के साथ पौष्टिकता का भी ख्याल रखा जाये. ताकि बच्चों के स्वस्थ्य पर प्रतिकूल असर नहीं पड़े. मध्याह्न भोजन के संचालन में आने वाली समस्या का तत्काल हल कराने, गुणवत्तापूर्ण भोजन व मेनू के अनुसार बनाने का निर्देश दिया गया है. डीपीओ ने बताया कि समय-समय पर उनके द्वारा भी विद्यालयों में निरीक्षण कर मध्याह्न भोजन योजना की जांच की जायेगी. जिले में मध्याह्न भोजन योजना के सफल संचालन और बच्चों को सुरक्षित व पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से जिला प्रशासन ने विशेष दिशा-निर्देश जारी किए हैं. हाल ही में जारी एक परिपत्र में वर्षा ऋतु के दौरान स्वच्छता, गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया है. निर्देशों के अनुसार, मध्याह्न भोजन योजना के जिला कार्यक्रम प्रबंधक और प्रखंड साधन सेवी शिक्षा के भ्रमण के दौरान रसोईघर एवं स्टोर-सह-भंडारगृह की साफ-सफाई का विशेष पर्यवेक्षण करेंगे. यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सांप, छिपकली और कीड़े जैसी कोई भी वस्तु रसोईघर में प्रवेश न कर सके. भोजन बनाने में इस्तेमाल होने वाली खाद्य सामग्री जैसे चावल, दाल, तेल, मसाला, सोयाबीन, लाल चना इत्यादि की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के बाद ही उपयोग में लाई जायेगी. डब्बाबंद खाद्य सामग्री का इस्तेमाल उसकी उपयोग की अंतिम तिथि देखकर ही किया जायेगा. बारिश के दिनों में नमी से बचाव के लिए खाद्य सामग्री का उचित भंडारण सुनिश्चित किया जायेगा. विद्यालय प्रांगण और रसोई-सह-भंडारगृह के आसपास उपलब्ध जल-स्रोत यथा- चापाकल, नल और शौचालय की साफ-सफाई अनिवार्य रूप से करवाई जायेगी. खाना बनाने से पहले रसोइयों को साबुन/हैंडवॉश से हाथ धोने की प्रक्रिया अपनानी होगी. भोजन बनाने में प्रयुक्त होने वाले बर्तन, थाली, गिलास की समुचित साफ-सफाई के बाद ही उपयोग में लाए जायेगे. बरसात के मौसम में मध्याह्न भोजन बनाने में बैगन, भिंडी जैसे सब्जियों का प्रयोग नहीं किया जायेगा, क्योंकि इस मौसम में इनमें कीटाणुओं के पनपने की संभावना अधिक होती है. इनके स्थान पर स्थानीय स्तर पर उपलब्ध ताजी हरी सब्जियों का प्रयोग किया जायेगा. इन निर्देशों का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि जिले में मध्याह्न भोजन योजना के तहत बच्चों को स्वच्छ, सुरक्षित और पौष्टिक आहार मिले. इस संबंध में जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, मध्याह्न भोजन योजना की उपस्थिति में बैठक भी की गई है.
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