Samastipur News:समस्तीपुर : जिले के विद्यालयों में वर्ग एक से आठ तक में एमडीएम में फर्जी उपस्थिति को रोकने व योजना की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए विद्यालयों को रोजाना एमडीएम परोसने के बाद एक प्रपत्र में प्रतिदिन का प्रतिवेदन तैयार करना है. इस संदर्भ में अपर मुख्य सचिव व निदेशालय ने पत्र जारी कर निर्देशित किया है. जारी पत्र के मद्देनजर प्रतिदिन विद्यालयों द्वारा एमडीएम परोसने के बाद विद्यालय के एचएम व प्रभारी एचएम के साथ-साथ सभी उपस्थित शिक्षकों को विहित प्रपत्र में प्रमाण पत्र पर अपना हस्ताक्षर करना होगा. बताया जा रहा कि इस प्रपत्र को संबंधित तिथि के एमडीएम भोजन की सामग्रियों से संबंधित विपत्र के साथ संलग्न कर सुरक्षित रखना होगा. हालांकि इस संदर्भ में जारी निर्देश के बावजूद स्थानीय स्तर पर पूरी तरह से इसका पालन नहीं हो रहा. बताते चले कि कोई न कोई कारण बता कई शिक्षक हस्ताक्षर नहीं कर रहे हैं. ऐसे में इस बात को गंभीरता से लेते हुए पीएम पोषण योजना के पदाधिकारी ने सख्ती बरतनी शुरू कर दी है. डीपीओ एमडीएम सुमित कुमार सौरभ ने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के पत्र का हवाला देते हुए बताया कि यदि किसी तिथि को संचालित एमडीएम की गुणवत्ता, मात्रा या बच्चों की संख्या से कोई शिक्षक असहमत हैं तो अपनी असहमति का कारण भी संबंधित प्रमाण पत्र पर अंकित करेंगे. संबंधित प्रमाण पत्र पर उपस्थित सभी शिक्षकों को अपना हस्ताक्षर करना अनिवार्य होगा, कोई शिक्षक अपना हस्ताक्षर नहीं करते हैं तो उसे अनुपस्थित माना जायेगा. उन्होंने बताया कि एमडीएम से संबंधित प्रमाण पत्र अनिवार्य रूप से प्रतिदिन तैयार करना है, ताकि बच्चों को इस योजना का पूरा लाभ मिल सके. इस प्रमाण पत्र के बिना एमडीएम योजना का कोई भी विपत्र मान्य नहीं होगा. प्रमाण पत्र अनिवार्य रूप से विद्यालय व स्वयं सेवी संस्था के विपत्र भुगतान में लागू करना सुनिश्चित करेंगे.
पंजी में होती है खानापूर्ति
जिले के प्रारंभिक स्कूलों में पीएम पोषण शक्ति योजना के तहत बच्चों को गरमा-गरम भोजन दिया जा रहा है. प्रथम से अष्टम वर्ग के पांच लाख से अधिक बच्चे गरमा -गरम भोजन खा रहे हैं. लेकिन एमडीएम संचालित इन स्कूलों में भोजन की गुणवत्ता में सुधार के लिए चखना पंजी संधारित करना था लेकिन अधिकांश स्कूलों में सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है. एमडीएम तैयार होने के बाद सबसे पहले एचएम व रसोईया-सह- सहायक के द्वारा भोजन चखना था. भोजन चखने के बाद भोजन की गुणवत्ता व स्वाद के संबंध में पंजी पर टिप्पणी अंकित करना था. उसके बाद विद्यालय शिक्षा समिति के अध्यक्ष, माता समिति की सचिव, अन्य सदस्य व अभिभावकों के द्वारा भोजन चखने के बाद पंजी में अंकित था. एचएम व रसोईया के द्वारा चखे जाने के आधा घंटा बाद ही बच्चों के बीच गरमा गरम भोजन वितरित करना था. विद्यालय में संधारित गुणवत्ता-सह- निरीक्षण पंजी (चखना पंजी) में प्रतिदिन चखने वाले व्यक्ति का नाम, भोजन की गुणवत्ता संबंधी टिप्पणी अंकित करने का निर्देश था. विद्यालय संचालन के समय शिक्षा विभाग व अन्य विभागों के अधिकारियों के भ्रमण के दौरान उन्हें भी भोजन चखने का आग्रह करने व गुणवत्ता संबंधित टिप्पणी अंकित करने के लिए अनुरोध किया जाना था लेकिन समय के साथ नये निर्देशों पर अमल होता गया और पुराने पर सिर्फ खानापूर्ति.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है