Samastipur News:पूसा : डा राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय स्थित एडवांस सेंटर फॉर मशरूम रिसर्च से सेवानिवृत वैज्ञानिक सह मशरूम विशेषज्ञ डॉ दयाराम ने बताया कि औषधीय मशरूम में कैंसररोधी तत्व पाये जाते हैं. कई अध्ययनों से पता चलता है कि कुछ प्रकार के मशरूम में कैंसर विरोधी गुण होते हैं, जो कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने और कैंसर की वृद्धि को रोकने में मदद कर सकते हैं. कुछ मशरूम जिनमें कैंसररोधी तत्व पाये जाते हैं. इसमें मुख्य रूप से रेशी मशरूम में बीटा-ग्लूकन नामक एक यौगिक होता है, जो कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने में मदद करता है. सीटाके मशरूम में लेंटिनान नामक एक यौगिक होता है, जो कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने में मदद करता है. मैतेक मशरूम में बीटा-ग्लूकन और अन्य यौगिक होते हैं जो कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने में मदद करते हैं. यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि जबकि औषधीय मशरूम में कैंसररोधी तत्व हो सकते हैं, वे कैंसर के इलाज के लिए एकमात्र समाधान नहीं हैं. कैंसर के इलाज के लिए हमेशा एक योग्य चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए. औषधीय मशरूम की खेती के लिए बनाए गए फार्म की एक सामान्य बनावट ऐसी हो सकती है जहां मशरूम को एक विशेष प्रकार के कंपोस्ट में उगाया जा रहा है, जिसे किसी बंद कमरे या ग्रीनहाउस में नियंत्रित वातावरण में रखा गया है. मशरूम को उगाने के लिए विशेष प्रकार का कंपोस्ट तैयार किया जाता है, जिसमें भूसा, गेहूं का चापड़, यूरिया और जिप्सम शामिल होते हैं. मशरूम की खेती के लिए नियंत्रित तापमान और नमी की आवश्यकता होती है, इसलिए इसे ग्रीनहाउस या बंद कमरे में उगाया जाता है.
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