Religious news from Samastipur:विभूतिपुर : प्रखंड के पतैलिया स्थित गिरिश मधुकुंज में जारी श्रीमद्भागवत कथा वाचन करते हुए मनोहर दास ने कहा कि कथा श्रवण से क्रोध नियंत्रित होता है. अहंकार पर अंकुश लगता है. उन्होंने गोवर्धन पर्वत से बृजवासियों की रक्षा, कंस वध प्रसंग की चर्चा की. कहा कि भगवान कृष्ण ने अपनी छोटी उंगली पर गोवर्धन पर्वत उठाकर ब्रजवासियों की रक्षा इंद्रदेव के क्रोध से बचाकर की थी. इंद्रदेव के अहंकार को दूर करने के लिए भगवान कृष्ण की लीला का प्रदर्शन करना पड़ा. शास्त्री ने कहा कि जब-जब धरती पर धर्म की हानि होती है तब-तब भगवान धरती पर अवतरित होते हैं. श्रीकृष्ण जन्म की कथा का वर्णन करते हुए महाराज ने बताया कि कंस के कारागार में वासुदेव-देवकी के भादो मास की अष्टमी को रोहिणी नक्षत्र में भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था. उनका लालन-पालन नंदबाबा के घर में हुआ था. इसलिए नंदगांव में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव बहुत ही धूमधाम से मनाया गया. श्रीकृष्ण ने अत्याचारी कंस का वध करके पृथ्वी को अत्याचार से मुक्त किया.
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