समस्तीपुर : जिले के स्कूलों में नए शैक्षणिक सत्र की कक्षाएं शुरू हो गई है. विभिन्न विद्यार्थियों में पहले ही दिन काफी उत्साह देखने को मिला. नये सत्र की शुरुआत के साथ स्कूल परिसर में एक नई ऊर्जा और उमंग दिखाई दी. कई छात्रों ने नये स्कूलों में दाखिला लिया, जिससे माहौल और भी नया-नया सा लग रहा था. कई स्कूलों में विद्यार्थियों का गर्मजोशी से स्वागत किया गया. शिक्षकों ने छात्रों को प्रोत्साहित करते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की और नए सत्र में बेहतर प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित किया. शैक्षणिक सत्र की शुरुआत से पहले कई स्कूलों में मां सरस्वती की स्तुति की गई. विद्यार्थियों ने प्रार्थना कर ज्ञान प्राप्ति का संकल्प लिया. मध्य विद्यालय सिंघिया खुर्द के एचएम देवेंद्र प्रसाद चौधरी ने बताया कि अब तक 11 नामांकन लिया गया है. शिक्षकों ने छात्रों को अनुशासन और मेहनत के महत्व को समझाया. नये सत्र की शुरुआत पर बच्चों के चेहरे की मुस्कान यह दर्शा रही थी कि वे पूरे जोश और उमंग के साथ पढ़ाई के लिए तैयार हैं. बच्चों को स्कूल बोझिल न लगे, स्कूल के नाम पर उनके मन में कोई तनाव न उत्पन्न हो इसके लिए जिला शिक्षा विभाग नए शैक्षिक सत्र में नया प्रयास शुरू करने जा रहा है. इसके तहत पहली कक्षा में प्रवेश लेने वाले बच्चों के लिए क्लास रूम का वातावरण अनुकूल, घरेलू और आकर्षक बनाने के लिए विभाग की ओर से तमाम तैयारियां की गई है. विद्यालय में कक्षा 1 में जो नये छात्र-छात्राएं प्रवेश करेंगे, इसके लिए आवश्यक है कि विद्यालय के कक्षा का कार्य रुचिपूर्ण रखें ताकि जो नये विद्यार्थी विद्यालय में योगदान दे रहे हैं उन्हें विद्यालय का वातावरण अच्छा लगे. विभाग ने सुझाव दिया है कि विद्यालय के प्रथम सप्ताह में ऐसे कार्य किये जायें, ताकि इससे छोटे बच्चे विद्यालय के कार्यकलाप से अति उत्साहित होकर अपना शैक्षणिक जीवन प्रारम्भ करें. विद्यालय के पोषण क्षेत्र में मुखिया के स्तर पर, वार्ड सदस्य के स्तर पर एवं जीविका के स्तर पर बैठक कर पोषक क्षेत्र के सभी बच्चों का कक्षा 1 में नामांकन कराया जाये. ऐसा कोई भी बच्चा क्षेत्र में नहीं छुटे जिसका नामांकन विद्यालय में नहीं हो, यह सुनिश्चित करना हम सभी का दायित्व है.
बच्चों को उपलब्ध होगी वर्गवार अलग-अलग रंग की डायरी
जिले के प्रारंभिक स्कूलों के पहली से आठवीं तक में पढ़ाई करने वाले जिले के बच्चों को शिक्षा विभाग की ओर से नि:शुल्क किताबें दी जायेंगी. इसके साथ-साथ उन्हें वर्गवार अलग-अलग रंग की डायरी भी उपलब्ध कराई जायेगी. गौरतलब है कि बच्चों को अनिवार्य रूप से होमवर्क दिये जाने को लेकर बिहार शिक्षा परियोजना परिषद की ओर से डायरी दिये जाने का प्रावधान किया गया है. इनमें शिक्षकों द्वारा दिया गया होमवर्क बच्चों को तैयार करके लाना है. इतना ही नहीं डायरी में शिक्षकों को तारीख व संबंधित दिन का नाम भी लिखना है, ताकि कभी भी इसकी मॉनिटरिंग करने के दौरान यह पता चल सके कि शिक्षक ने बच्चों को कब-कब और क्या होमवर्क दिया था. डीईओ कामेश्वर प्रसाद गुप्ता ने कहा कि बच्चों के सर्वांगीण विकास को मद्देनजर रखते हुए सबसे पहले बच्चों की शिक्षा पर अपना ध्यान देना होगा. सक्षम व्यक्ति अपने बच्चों को पढ़ाने में अव्वल रहता है. मगर गरीब बच्चे सरकारी स्कूलों में गुणवत्ता युक्त शिक्षा प्राप्त नहीं कर पाते. बच्चों को गुणवत्ता युक्त शिक्षा समान स्तर पर मिलनी जरूरी है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है