Samastipur News:समस्तीपुर: शिक्षकों ने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव को पत्र लिखकर विद्यालय अध्यापक, विशिष्ट शिक्षक और पुस्तकालयाध्यक्षों के अवकाश नियमों और स्थानांतरण प्रक्रिया को सेवा शर्त नियमावली में स्पष्ट रूप से शामिल करने की मांग की है. युवा शिक्षक नेता सिद्धार्थ शंकर ने बताया कि वर्तमान में विद्यालय अध्यापक और विशिष्ट शिक्षक सेवा शर्त नियमावली में शिक्षकों के अवकाश जैसे चिकित्सीय अवकाश, मातृत्व अवकाश, पितृत्व अवकाश, शिक्षा अवकाश आदि के नियम स्पष्ट नहीं हैं. इसके अलावा आकस्मिक अवकाश, गंभीर बीमारी या चिकित्सीय सुविधा के लिए स्थानांतरण की प्रक्रिया भी अस्पष्ट है. इस कारण शिक्षकों को अपने निजी और पारिवारिक मामलों में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. उन्होने मांग की है कि शिक्षकों के सम्मान और उनके हितों का ध्यान रखते हुए विद्यालय अध्यापक और विशिष्ट शिक्षकों की सेवा शर्त नियमावली में अवकाश और स्थानांतरण प्रक्रिया से संबंधित सभी बिंदुओं को स्पष्ट रूप से शामिल किया जाए. इससे न केवल शिक्षकों को सुविधा मिलेगी, बल्कि शिक्षा व्यवस्था भी सुदृढ़ और व्यवस्थित हो सकेगी.
वशिष्ट शिक्षकों को सेवा निरंतरता का मिले लाभ
नियोजनवाद के शुरुआती दौर में नियुक्त नियोजित और वर्तमान में उसी सरकार द्वारा विभागीय प्रक्रिया के तहत वर्ष 2025 से राज्य कर्मी का दर्जा प्राप्त कर बने विशिष्ठ शिक्षक सिद्धार्थ शंकर ने कहा कि सरकार में कई बदलाव भी आये लेकिन उन्हें सिवाय आश्वासन का कभी कुछ नहीं मिला. आश्वासन अवधि में नियोजित शिक्षक की योग्यता कभी दक्षता परीक्षा के नाम पर तो कभी पात्रता और अब सक्षमता परीक्षा का लॉलीपॉप दिखा कर मनगढ़ंत स्केल के साथ ठगती रही. विगत वर्ष किए मनगढ़ंत संशोधनों के तहत वर्ष 2025 में फिर एक नया प्रयोग कर नियोजित शिक्षक को मनगढ़ंत राज्यकर्मी के रूप में विशिष्ट शिक्षक बना दिया गया. विशिष्ट शिक्षक को उनका सही मूल्यांकन कर वेतन वृद्धि, सेवा निरंतरता का लाभ के साथ साथ पूर्ण वेतनमान दें. साथ ही वर्तमान में जो टीआरई वन,टू व थ्री में बहाल हुए हैं उन्हें भी पूर्ण वेतनमान दे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है