Samastipur News:मोहिउद्दीननगर : जलवायु परिवर्तन के कारण देश में दीर्घकालीन कृषि और खाद्य व्यवस्था के लिए एकीकृत व बहुआमी दृष्टिकोण की जरूरत है. वर्तमान परिवेश में जलवायु अनुकूल खेती किसानों के लिए लाभकारी है. यह बातें ई-किसान भवन के सभागार में सोमवार को खरीफ महाअभियान के तहत प्रखंड स्तरीय कृषि कर्मशाला सह प्रशिक्षण के उद्घाटन के दौरान बीडीओ डॉ.नवकंज कुमार ने कही. अध्यक्षता बीएओ कमलेश कुमार मिश्र ने की. संचालन कृषि समन्वयक प्रभात कुमार सिंह ने किया. कर्मशाला का उद्घाटन संयुक्त रूप से बीडीओ, सीओ ब्रजेश कुमार द्विवेदी, उप प्रमुख प्रतिनिधि पिंकू सिंह, प्रशिक्षु बीएओ ऋषभ कुमार ने दीप जलाकर किया. कृषि विशेषज्ञों ने कहा कि मौजूदा संसाधनों के तालमेल और प्रभावी उपयोग सुनिश्चित करने के लिए सरकार विभिन्न कार्यक्रमों और क्षेत्रीय योजनाओं का अभिसरण कर रही है. मौसम चक्र में हो रहे असमय बदलाव के कारण किसानों को जलवायु अनुकूल खेती करने के लिए सरकारी स्तर से प्रेरित किया जा रहा है. भूगर्भ जल रिचार्ज की तकनीक, जल संरक्षण में विभिन्न तरह की वैज्ञानिक तकनीकों का अनुशरण, फर्टिलाइजर और सिंचाई के समय में बदलाव, कम पानी में उगने वाली फसलों की खेती, रोपण की अवधि में बदलाव, सिंचाई के साधन व जीरो टिलेज जैसे उपायों से प्रतिकूल स्थिति में संतोषजनक पैदावार प्राप्त करने में मदद मिलेगी. इस दौरान विशेष फसल सूखाग्रस्त क्षेत्रों के लिए वैकल्पिक खेती, पशुपालन, मत्स्यपालन, अंतर्वर्ती खेती पर भी चर्चा की गई. अधिकारियों ने खरीफ फसल की खेती के लिए मिलने वाली सरकारी सहायता का उल्लेख करते हुए किसानों से लाभ उठाने की अपील की. साथ ही कृषि वैज्ञानिक मुरारी कुमार व शुभम कुमार ने खरीफ फसल में कीट नियंत्रण व बेहतर फसल उत्पादन प्राप्त करने के तौर तरीकों की जानकारी किसानों को दी. अनुमंडल कृषि पदाधिकारी संतोष कुमार ने विभागीय स्तर से किसानों को सरकार प्रायोजित विभिन्न लाभकारी योजनाओं को बताया एवं समस्याओं का निराकरण किया . इस दौरान दर्जनों किसानों के बीच मृदा हेल्थ कार्ड का वितरण किया. इस मौके पर आत्मा अध्यक्ष पंकज कुमार, गौतम चौधरी, निष्णात कुमार, रवि कुमार मल्लिक, धनंजय सिंह, राजेश कुमार, चंद्रमा देवी, सुनील झा, प्रेम कुमार, संदीप कुमार, शिवनाथ कुमार, राजीव राम मौजूद थे.
निर्धारित किया गया लक्षय
कृषि विभाग ने प्रखंड क्षेत्र में खरीफ फसलों के आच्छादन के लिए लक्ष्य निर्धारित किया है. प्रखंड कृषि पदाधिकारी कमलेश मिश्रा ने बताया कि धान के लिए 1889 हे.,मक्का 2936 हे., सब्जी 1915 हे. व खरीफ दलहन 161 हे. में खेती की जायेगी. विभागीय स्तर से किसानों को बेहतर फसल उत्पादन के लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था भी की जायेगी. बाढ़ प्रभावित प्रखंड क्षेत्र होने के कारण किसानों को वैकल्पिक खेती के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है.
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