विद्यापतिनगर : सूबे में सुशासन का ढिढोरा पीटा जा रहा है. लेकिन, सच्चाई इससे इतर है. ग्रामीण परिवेश में आज भी समस्याएं मुंह बाये कथित तौर पर लोगों के पीड़ा को मुखरित कर रहा है. सरायरंजन विधानसभा के अमूमन सभी पंचायतों में मूलभूत समस्याएं विकट रूप धारण कर चुकी है. गांवों में पक्के पहुंच पथ का घोर अभाव है. पीने के पानी मयस्सर नहीं हो रहा है. तो अन्य कई समस्याओं से लोग हताश व निराश हैं. यह बातें शुक्रवार को सरायरंजन बचाओ पदयात्रा के दौरान तीसरे दिन गढ़सिसई पंचायत में विधानसभा के संभावित प्रत्याशी कुणाल कुमार ने कही. 37 दिनों तक चलने वाले पदयात्रा के तीसरे दिन वे घर- घर जाकर लोगों से मुलाकात कर उनकी समस्या सुन रहे थे. सरायरंजन विधानसभा के उम्मीदवार कुणाल ने अपनी पद यात्रा के दौरान कई पंचायतों का दौरा किया है. इस दौरान गढ़सिसई में कच्ची सड़क किनारे बरगद पेड़ के नीचे आयोजित चौपाल में दलित बस्ती के परिवार ने सड़क की पीड़ा से उन्हें अवगत कराया. बताया कि मुख्य सड़क से गांव आने का एक मात्र कच्ची पगडंडी ही सहारा है. जमीन देने के बावजूद वर्षों से पक्की सड़क के लिए लोग तरस रहे हैं. रंजीत कुमार ने पानी, बिजली, शिक्षा और स्मार्ट मीटर से होने वाली कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. बताया कि सड़क की मरम्मत का कार्य नहीं हो रहा है. विधानसभा के विद्यापतिनगर प्रखंड का एक मात्र विद्यापति महाविद्यालय राजनीतिक भेदभाव को लेकर बंद पड़ा है. अपने पदयात्रा के दौरान नेता ने बताया कि पद यात्रा लोगों से सीधा जुड़ाव का एक सशक्त जरिया है. उन्होंने लोगों को आश्वासन देते हुए कहा कि वे सभी समस्याओं के निदान का हर संभव प्रयास जारी रखेंगे. बताया कि यह पदयात्रा स्थानीय लोगों क बीच एक नई आशा का संचार कर रही है.
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