Samastipur News: समस्तीपुर : देश के सबसे बड़ी मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट यूजी 2025 के संचालन में पारदर्शिता नहीं बरतने और सुचारु रूप से परीक्षा संचालन नहीं करना शहर के आरएसबी इंटर विद्यालय के प्रभारी एचएम मनोज कुमार झा को भारी पड़ा. जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना कुमार सत्यम ने उन्हें जांच प्रतिवेदन के आधार पर निलंबित कर दिया है. मिली जानकारी के मुताबिक नीट यूजी परीक्षा के दौरान प्रभारी एचएम सह सीएस द्वारा गड़बड़ी किये जाने की शिकायत की गई थी. मामले को गंभीरतापूर्वक लेते हुए डीईओ कामेश्वर प्रसाद गुप्ता ने डीपीओ माध्यमिक सह साक्षरता को जांच कर स्पष्ट मंतव्य के साथ प्रतिवेदित करने का निर्देश दिया. जांचोपरांत डीईओ के निर्देश पर यह कार्रवाई की गई है. डीपीओ स्थापना ने बताया कि बिहार विद्यालय विशिष्ट शिक्षक नियमावली 2023 की कंडिका 11 एवं संशोधित नियमावली 2024 के आलोक में उक्त प्रभारी एचएम को निलंबित करते हुए अनुशासनिक कार्रवाई के अधीन किया गया है. निलंबन अवधि में इनका मुख्यालय बीईओ कार्यालय विभूतिपुर बनाया गया है. इस मामले में जांच के लिए संचालन पदाधिकारी के रूप में डीपीओ एमडीएम व उप स्थापन पदाधिकारी के रूप में बीईओ पटोरी को प्राधिकृत किया गया है. साथ ही आरोप पत्र अलग से निर्गत किया जायेगा. विदित हो कि शहर के आरएसबी इंटर विद्यालय में विगत चार मई को संपन्न हुई नीट यूजी की परीक्षा में अन्यत्र शिक्षकों को वीक्षण कार्य में सम्मिलित करने के प्रकरण में डीईओ कामेश्वर प्रसाद गुप्ता ने डीपीओ माध्यमिक सह लेखा एवं योजना को जांच का आदेश देते हुए रिपोर्ट तलब की थी. आरएसबी इंटर विद्यालय में कार्यरत शिक्षकों ने उक्त परीक्षा संचालन के दौरान वीक्षण कार्य में सम्मिलित कुछेक शिक्षक शिक्षिकाओं को चिन्हित करते हुए इसकी शिकायत नगर निगम क्षेत्र के वार्ड 33 के वार्ड पार्षद से की थी. वार्ड पार्षद रूबी कुमारी ने शिकायत को सुनने के बाद गंभीरतापूर्वक लेते हुए विद्यालय प्रबंधकारिणी समिति के अध्यक्ष से की थी. साथ ही शिकायत की प्रतिलिपि जिला शिक्षा पदाधिकारी को भी दी गयी है. शिकायत पत्र में कहा गया है कि विगत चार मई को आयोजित नीट यूजी की परीक्षा के लिए आरएसबी इंटर विद्यालय को भी केंद्र बनाया गया था. केंद्राधीक्षक मनोज कुमार झा द्वारा नियमों को ताक पर रखते हुए परीक्षा अधिनियमों के विपरीत जाकर परीक्षा का संचालन किया. परीक्षा के दौरान कुछ विद्यार्थियों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से वीक्षण कार्य के लिए दूसरे जिले के शिक्षकों को लगाया गया. साथ ही इसकी जानकारी न ही जिला प्रशासन को दी गयी और न ही जिला शिक्षा पदाधिकारी को. अन्य जिले के शिक्षक को वीक्षण कार्य में लगाना वह भी बिना जिला शिक्षा पदाधिकारी के अनुमोदन का गलत है.
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