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Samastipur News:स्कूलों में छात्रों के ड्रेस कोड की होगी मॉनिटरिंग

स्कूलों में अलग-अलग रंग के परिधानों में विद्यार्थियों के स्कूल आने की सूचना पर मुख्यालय ने संज्ञान लिया है.

Samastipur News:समस्तीपुर :

स्कूलों में अलग-अलग रंग के परिधानों में विद्यार्थियों के स्कूल आने की सूचना पर मुख्यालय ने संज्ञान लिया है. इसको लेकर माध्यमिक शिक्षा निदेशालय की ओर से आदेश किया गया है. इसके तहत पहली कक्षा से लेकर आठवीं तक के छात्रों को आसमानी नीली रंग की शर्ट तथा गहरा नीला पैंट और छात्राओं के लिए आसमानी नीला समीज-शर्ट व गहरा नीला रंग का दुपट्टा व गहरे नीले रंग का सलवार या स्कर्ट पहनकर स्कूल आना है. वहीं नौवीं से लेकर 12वीं तक की छात्राओं के लिए आसमानी नीले रंग की समीज व गहरा नीला दुपट्टा और गहरे नीले रंग का सलवार पहनकर स्कूल आना है. बता दें कि इस बार शिक्षा विभाग ने सत्र की शुरुआत में ही पोशाक राशि वितरण का निर्देश दिया है. उल्लेखनीय है कि स्कूलों में नए सत्र से प्राथमिक व प्रारंभिक और उच्च माध्यमिक के विद्यार्थियों के लिए अलग-अलग ड्रेस कोड का निर्धारण किया गया था, जिसका उन्हें पालन करना था.

– सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों को इसकी मॉनिटरिंग करने का निर्देश

गौरतलब है कि शिक्षा विभाग की ओर से मुख्यमंत्री पोशाक योजना के तहत सरकारी प्रारंभिक, मध्य, माध्यमिक तथा उच्च माध्यमिक विद्यालयों और गैर सरकारी मान्यता प्राप्त अल्पसंख्यक प्रारंभिक, मध्य, माध्यमिक तथा उच्च माध्यमिक विद्यालयों के छात्र-छात्राओं को पोशाक के लिए राशि उपलब्ध कराई जा रही है. साथ ही अनुदानित एवं प्रस्वीकृत मदरसा, संस्कृत विद्यालय तथा वित्तरहित अनुदानित-प्रस्वीकृत माध्यमिक व उच्च माध्यमिक विद्यालयों के बच्चों को भी यह सुविधा मिल रही है. इस बाबत डीपीओ एसएसए मानवेंद्र कुमार राय ने बताया कि बच्चों को विभाग की ओर से तय रंग की पोशाक में ही स्कूल आना है. इसके लिए सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों को इसकी मॉनिटरिंग करने का निर्देश दिया गया है. सरकारी स्कूलों में जैसे तैसे कपड़े पहन कर बच्चों के आने पर प्रतिबंध लगाया जायेगा. उन्हें हर काल में ड्रेस कोड का अनुपालन करना होगा. शिक्षा विभाग ने कहा है कि शिक्षक-अभिभावक की अगली बैठक में अभिभावकों को इससे संबंधित जानकारी दी जायेगी. उन्हें बताया जायेगा कि विद्यार्थियों को कितनी राशि दी जा रही है और यह किस प्रायोजन के लिए है. सभी अभिभावक लिखित-मौखिक घोषणा करेंगे कि जिसके लिए राशि दी जा रही है, उसके लिए ही खर्च किया जायेगा. एचएम सभी छात्र-छात्राओं की पोशाक की तस्वीर खींच कर ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर डालेंगे.

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