Samastipur News: पूसा : केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बिहार के पूसा स्थित डॉ. राजेन्द्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय परिसर में 20 वर्षों से जारी बिना जुताई जीरो टिलेज आधारित दीर्घकालिक परीक्षण खेत का दौरा किया. इस अवसर पर बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा, आईसीएआर के महानिदेशक डॉ एमएल जाट, विश्वविद्यालय के वरिष्ठ वैज्ञानिक और किसान प्रतिनिधि भी उपस्थित थे. डा जाट ने बताया कि यह नवाचार पूर्ण परीक्षण बीसा सीमिट और आरपीसीएयू के संयुक्त प्रयास से संचालित किया जा रहा है. इसमें पिछले दो दशकों से पारंपरिक जुताई के बजाय संरक्षण कृषि के सिद्धांतों पर खेती की जा रही है. बिना जुताई के बावजूद मृदा की उत्पादकता में कोई गिरावट नहीं आयी है. बल्कि गुणवत्ता में सुधार हुआ है. खेतों में केंचुओं की भरपूर उपस्थिति ने मृदा स्वास्थ्य और जैव विविधता को दर्शाया है. सीधी मशीन बुआई तकनीक से लागत घटी और समय की बचत हुई. प्रारंभिक दिनों में जहां उत्पादकता 60 क्विंटल प्रति हेक्टेयर थी अब यह बढ़कर 120 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पहुंच गई है.
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