Samastipur News:समस्तीपुर : कविताएं व कहानियां बच्चों के मानसिक विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण होती हैं. यह न केवल बच्चों की भाषा को बेहतर बनाती हैं, बल्कि उन्हें जीवन के मूल्य और अच्छाइयां भी सिखाती है. इसी उद्देश्य से सरकारी स्कूल बच्चों के लिए पत्रिका निकालेंगे. स्कूल स्तर पर यह पत्रिका छापी जायेगी. प्रारंभिक स्कूलों के लिए यह अनुशंसा की गई है. हिन्दी में यह पत्रिका छपेगी. बच्चों और शिक्षकों के लेख इसमें शामिल किए जायेंगे. बच्चों के लेखन को मंच देने के लिए यह पहल की गई है. नये सत्र के लिए प्रोजेक्ट एप्रूवल बोर्ड (पीएबी) से इसे पास कर दिया गया है. इसकी अनुशंसा करते हुए निर्देश दिया गया है कि प्रारंभिक स्तर से ही बच्चों में इसे लेकर लेखन की शुरूआत होगी. इससे भाषा से उनका जुड़ाव बढ़ेगा. जिले के स्कूलों में यह पत्रिका प्रकाशित होगी. प्रारंभिक स्तर पर इसमें न केवल छठी से आठवीं के बच्चों के आर्टिकल होंगे, बल्कि इससे नीचे की कक्षा यानि प्राइमरी के बच्चों को भी मौका दिया जायेगा. पत्रिका छापने पर 12,000 रुपये प्रति विद्यालय खर्च होंगे. यूथ एंड इको क्लब, आईसीटी लैब के बाद इसकी पहल इनोवेशन के तौर पर की गई है. स्कूल इसे अपने स्तर से साल में एक या दो-तीन बार भी निकाल सकते हैं. नये सत्र के लिए बने बजट में इसकी अनुशंसा की गई है. डीपीओ एसएसए जमालुद्दीन ने बताया कि अध्ययनों से पता चलता है कि रचनात्मक लेखन का अभ्यास करने वाले बच्चे विज्ञान, गणित और भाषा जैसे विषयों में बेहतर प्रदर्शन करते हैं. जब बच्चे रचनात्मक रूप से सोचने और लिखने के लिए खुद को चुनौती देते हैं, तो वे समस्या-समाधान में कुशल, आत्मविश्वासी और अनुशासित बनते हैं, ये सभी कौशल जीवन के सभी क्षेत्रों में सफल होने के लिए आवश्यक हैं.
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