Samastipur News:पूसा : गांव-गांव में तकनीकी क्रांति के मकसद को पूरा करने के लिए डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा के माध्यम से संचालित कृषि ज्ञान वाहन ने अपना रंग रूप किसानों के दरवाजे पर पहुंच कर बिखेरना शुरू कर दिया है. इसी करी में कृषि विज्ञान केंद्र बिरौली के वैज्ञानिकों के सौजन्य से आयोजित कृषि यांत्रिकी प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत गोराई गांव के महिला किसानों को लघु कृषि यंत्रों के उपयोग और लाभ से अवगत कराया. इस वाहन के माध्यम से किसानों को वीडियो फिल्मों, तकनीकी बुलेटिनों और संवादात्मक डिजिटल सामग्री के जरिए बताया गया कि कैसे छोटे कृषि यंत्रों में पावर वीडर, सीड ड्रिल, हैंड स्प्रेयर, मिनी थ्रेशर की सहायता से कम लागत में समय और श्रम की बचत के साथ उत्पादकता बढ़ाई जा सकती है. किसानों ने सक्रिय भागीदारी करते हुए इन यंत्रों को नजदीक से देखा. उनके कार्यप्रणाली को समझा. सवालों के माध्यम से अपने शंकाओं का समाधान किया. यांत्रिक तकनीकों ने विशेष रूप से महिलाओं के लिए कृषि कार्य को सहज, सुरक्षित और व्यावसायिक रूप से लाभकारी बनाने में रुचि पैदा की. वैज्ञानिक डा बिनीता सतपथी का कहना है कि कृषि ज्ञान वाहन इस दिशा में कार्य कर रहा है जो कृषि यांत्रिकी को गांवों में प्रवेश योग्य व व्यावहारिक बना रहा है. इसका उद्देश्य किसानों को आधुनिक उपकरणों की जानकारी देकर कम लागत, अधिक लाभ के सिद्धांत को व्यवहार में लाना है.
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