Samastipur News:मोरवा : प्रखंड के लश्कारा गांव में रालोमो जिलाध्यक्ष विनोद चौधरी निषाद की अध्यक्षता में वीर कुंवर सिंह जयंती मनाई गई. उनके तैलचित्र पर पुष्प अर्पित कर कार्यक्रम की शुरुआत की गयी. उनकी जीवनी पर प्रकाश डालते हुए जिलाध्यक्ष ने कहा कि 27 अप्रैल 1857 को दानापुर के सिपाहियों, भोजपुरी जवानों और अन्य साथियों के साथ आरा नगर पर बाबू वीर कुंवर सिंह ने कब्जा कर लिया. अंग्रेजों की लाख कोशिशों के बाद भी भोजपुर लंबे समय तक स्वतंत्र रहा. जब अंग्रेजी फौज ने आरा पर हमला करने की कोशिश की तो बीबीगंज और बिहिया के जंगलों में घमासान लड़ाई हुई. बहादुर स्वतंत्रता सेनानी जगदीशपुर की ओर बढ़ गये. आरा पर फिर से कब्जा जमाने के बाद अंग्रेजों ने जगदीशपुर पर आक्रमण कर दिया. बाबू कुंवर सिंह और अमर सिंह को जन्म भूमि छोड़नी पड़ी. अमर सिंह अंग्रेजों से छापामार लड़ाई लड़ते रहे. बाबू कुंवर सिंह रामगढ़ के बहादुर सिपाहियों के साथ बांदा, रीवां, आजमगढ़, बनारस, बलिया, गाजीपुर एवं गोरखपुर में विप्लव के नगाड़े बजाते रहे. ब्रिटिश इतिहासकार होम्स ने उनके बारे में लिखा है ””””उस बूढ़े राजपूत ने ब्रिटिश सत्ता के विरुद्ध अद्भुत वीरता और आन-बान के साथ लड़ाई लड़ी. यह गनीमत थी कि युद्ध के समय कुंवर सिंह की उम्र अस्सी के करीब थी. अगर वह जवान होते तो शायद अंग्रेजों को 1857 में ही भारत छोड़ना पड़ता. पूर्व जिपा विभा देवी, प्रदेश महासचिव देवनारायण सिंह, देवशंकर राय, डॉ दिलीप कुमार चौधरी, रामानंद सिंह, सुभाष यादव, अमरजीत कुमार, अनिल सिंह कुशवाहा, पन्नालाल सहनी, विजय सहनी, नागदेव मण्डल, माहेश्वरी देवी, सुनैना देवी, मो. बशीर, नागो राम, सुरेश कुमार राम, संजय कुमार राम समेत दर्जनों लोग मौजूद थे.
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