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Awareness campaign on cyber crime in Samastipur:हम लालच में न पड़ें तो कोई भी हमें ठग नहीं सकता : सौरभ

शहर के दादपुर स्थित गुरुकुल सीनियर सेकेंड्री स्कूल के सभाकक्ष में साइबर अपराध के खिलाफ प्रभात खबर का जन आंदोलन अभियान कार्यक्रम आयोजित किया गया.

शहर के दादपुर स्थित गुरुकुल सीनियर सेकेंड्री स्कूल के सभाकक्ष में साइबर अपराध के खिलाफ प्रभात खबर का जन आंदोलन अभियान कार्यक्रम आयोजित किया गया

Awareness campaign on cyber crime in Samastipur:समस्तीपुर : साइबर क्राइम के बढ़ते खतरे को देखते हुए बुधवार को शहर के दादपुर स्थित गुरुकुल सीनियर सेकेंड्री स्कूल के सभाकक्ष में साइबर अपराध के खिलाफ प्रभात खबर का जन आंदोलन अभियान कार्यक्रम आयोजित किया गया. इसकी शुरुआत मां सरस्वती, भारत माता व स्वामी विवेकानंद के चित्र पर पुष्प व दीप प्रज्वलित कर किया गया. मौके पर मुख्य अतिथि उत्क्रमित मध्य विद्यालय लगुनियां सूर्यकण्ठ के एचएम सह साइबर एक्सपर्ट सौरभ कुमार ने साइबर अपराध और उससे सुरक्षा से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियों को साझा किया. कहा कि जागरूकता से ही हम साइबर अपराधों से बच सकते हैं. अगर हम लालच में न पड़े तो कोई भी हमे ठग नहीं सकता. लालच में पड़कर ही हम खुद को ठगने के लिए साइबर ठगों को आमंत्रित करते हैं. इंटरनेट की अधिक ब्रॉउसिंग ही हमें साइबर अपराधों की ओर धकेलती है. इसलिए हमें तकनीक का दुरुपयोग नहीं करना चाहिए. उन्होंने कहा कि आज हर व्यक्ति एंड्रायड मोबाइल का उपयोग करता है और करीब 30 प्रतिशत लोग कंप्यूटर और लैपटाप का उपयोग अपने निजी कार्य या आफिस कार्य के लिए करते हैं, जो एक अच्छी बात है, मगर क्या कभी सोचा है कि हम इंटरनेट के जरिए मोबाइल और कंप्यूटर चलाते समय सुरक्षित हैं. उसको चलाना आसान है, लेकिन सुरक्षा करना बहुत जरूरी होता है. प्रौद्योगिकी के विकास के साथ साइबर अपराधों में तीव्रता आई है. राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के अनुसार, पंजीकृत मामलों की संख्या वर्ष 2016 में 12,317 थी, जो बढ़कर वर्ष 2020 में 50,035 मामलों तक पहुँच गई, जबकि वर्ष 2021 में बढ़कर 52975 हो गई. झारखंड का जामताड़ा पहले साइबर अपराध का केंद्र था, लेकिन वर्तमान में यह अपराध संपूर्ण भारत में वृहद स्तर पर विसरित हो गया है.

सुरक्षित रहने के लिये बरतें सतर्कता

अधिवक्ता प्रकाश कुमार ने बताया कि भारत में विभिन्न रूपों में साइबर अपराधों में वृद्धि देखी गई है. संचालन में आसानी के कारण ऑनलाइन धोखाधड़ी का दायरा दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है क्योंकि उद्यम शुरू करने के लिये किसी को मात्र एक स्मार्टफोन और इंटरनेट कनेक्शन की आवश्यकता होती है. हालांकि यह आश्चर्य वाली बात है, कि इन धोखेबाजों को फोन नंबर कहां से मिलते हैं, लेकिन यह जानकर काफी हैरानी होती है, कि हाल ही में पुलिस ने 24 राज्यों और 8 मेट्रो शहरों में 669 मिलियन लोगों के संवेदनशील डेटा को हैक करने और बेचने के आरोप में फरीदाबाद के एक व्यक्ति को पकड़ा था. भारतीय दंड संहिता, सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 के तहत साइबर अपराध संबंधी अपराधियों को दंडित करने में सहायता करती है. हम डिजिटल युग में रह रहे हैं, जहां साइबर स्पेस सीमित नहीं है, बल्कि यह संपूर्ण विश्व को कवर करता है. परिणामस्वरूप न केवल भारत बल्कि संपूर्ण विश्व में साइबर क्राइम दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है. उक्त समस्या, आधुनिक प्रौद्योगिकी का परिणाम है, जो हमारी सुरक्षा के लिए बनाई गई थी, लेकिन वर्तमान में इसका उल्टा हो गया है, इसके उपभोक्ता के रूप में हमें सुरक्षित रहने के लिये सतर्कता बरतनी चाहिये.

निजी जानकारी किसी से भी शेयर नहीं करें

शिक्षक रवि रंजन ने कहा कि वर्तमान समय में साइबर अपराध का दायरा कुछ इस कदर बढ़ा है कि छोटे-छोटे बच्चों से लेकर वृद्ध तक इसके चपेट में आ रहे हैं. वर्चुअल वर्ल्ड में प्रत्येक गतिविधि में पूर्ण सतर्कता और सावधानी रखना ही इन अपराधों से सबसे बड़ा बचाव हैं. सबसे जरूरी रूल यह बनाएं कि, हम अपनी निजी जानकारी किसी से भी शेयर नहीं करें , फर्जी या अनजान लिंक पर क्लिक न करें, ऑनलाइन गेम खेलने के दौरान भी पूरी सावधानी रखें और कुछ भी संदिग्ध लगे तो अपने बड़ों को बता कर ही उनसे मार्गदर्शन प्राप्त करें. वीसी सुधा पांडेय ने कहा कि साइबर अपराध एक व्यापक शब्द है जिसमें डिजिटल तकनीकों का शोषण करने वाली कई दुर्भावनापूर्ण गतिविधियां शामिल हैं, जो दुनिया भर में व्यक्तियों, व्यवसायों और सरकारों को प्रभावित करती हैं. साइबर अपराध लगातार बढ़ रहा है, जिससे महत्वपूर्ण वित्तीय और मनोवैज्ञानिक प्रभाव पड़ रहे हैं. फिशिंग, पहचान की चोरी और रैनसमवेयर कुछ सबसे आम साइबर अपराध हैं, जिनका पीड़ितों पर गंभीर वित्तीय और मनोवैज्ञानिक प्रभाव पड़ता है. स्कूल के संस्थापक जनार्दन चौधरी यद्यपि साइबर अपराध को पूरी तरह से समाप्त करना तथा सम्पूर्ण इंटरनेट सुरक्षा सुनिश्चित करना संभव नहीं है, फिर भी व्यवसाय सिस्टम, नेटवर्क और डेटा को सुरक्षित करने के लिए गहन रक्षा दृष्टिकोण का उपयोग करते हुए एक प्रभावी साइबर सुरक्षा रणनीति बनाए रखकर इसके प्रति अपने जोखिम को कम कर सकते हैं.

साइबर अपराध को रोकने के तरीके

1. साइबर सुरक्षा में रक्षा की पहली पंक्ति एक मजबूत पासवर्ड से शुरू होती है. पासवर्ड को नियमित रूप से अपडेट करना और आसानी से अनुमान लगाने योग्य जानकारी से बचना सुरक्षा की एक अतिरिक्त परत जोड़ता है, जिससे साइबर अपराधियों के लिए खातों में सेंध लगाना चुनौतीपूर्ण हो जाता है.

2. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म अक्सर व्यक्तिगत जानकारी प्राप्त करने वाले साइबर अपराधियों का लक्ष्य होते हैं. गोपनीयता सेटिंग्स की समीक्षा करना और उन्हें बेहतर बनाना महत्वपूर्ण है.

3. ऑपरेटिंग सिस्टम और सॉफ्टवेयर को नियमित रूप से अद्यतन करना साइबर सुरक्षा में एक मौलिक अभ्यास है.

4. अच्छा व विश्वसनीय एंटीवायरस सॉफ्टवेयर निवेश करना मैलवेयर और अन्य डिजिटल खतरों के विरुद्ध एक सक्रिय उपाय है.

5. ऑनलाइन परिदृश्य पर काम करते समय सावधानी अत्यंत महत्वपूर्ण है. संदिग्ध लिंक पर क्लिक करने से, विशेष रूप से ईमेल या अपरिचित वेबसाइटों पर, फिशिंग प्रयास या मैलवेयर घुसपैठ हो सकती है.

6. साइबर खतरों के विरुद्ध ज्ञान एक शक्तिशाली हथियार है. साइबर अपराध और सुरक्षा संबंधी सर्वोत्तम प्रथाओं में नवीनतम विकास के बारे में जानकारी रखने से व्यक्तियों और संगठनों को बदलती रणनीतियों के विरुद्ध अपनी सुरक्षा को अनुकूलित और सुदृढ़ करने में शक्ति मिलती है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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