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Awareness program on cyber crime in Samastipur: साइबर अपराध से बचना चाहते हों तो, जागरूक बने

साइबर क्राइम के बढ़ते ग्राफ पर लगाम लगाने के लिए बिहार के अग्रणी दैनिक अखबार में शुमार प्रभात खबर ने कई शैक्षणिक संस्थान में जागरूकता के कार्यक्रम चलाये हैं.

Awareness program on cyber crime in Samastipur:

समस्तीपुर : साइबर क्राइम के बढ़ते ग्राफ पर लगाम लगाने के लिए बिहार के अग्रणी दैनिक अखबार में शुमार प्रभात खबर ने कई शैक्षणिक संस्थान में जागरूकता के कार्यक्रम चलाये हैं. ‘साइबर अपराध के खिलाफ प्रभात खबर का जन आंदोलन’ अभियान के तहत मंगलवार को शहर के मोहनपुर रोड स्थित होली मिशन हाई स्कूल में हुई. कार्यक्रम का संचालन करते हुए प्रकाश कुमार ने कहा कि जो व्यक्ति कम समय में अधिक धन कमाने के लालच में पड़ते हैं वह साइबर ठगी के शिकार बन जाते हैं. कहा कि आज टेक्नोलॉजी का जमाना है. साइबर ठग इसमें पीछे नहीं हैं. नये तरीके से पैसे को उड़ाने में माहिर हैं. लोग भले हो स्मार्ट फोन का इस्तेमाल कर रहे हैं. पर इसका उपयोग की सही तरीके से नहीं जानते हैं. इसका फायदा साइबर अपराधी उठाते हैं. कहा कि लालच में न पड़े.

‘साइबर अपराध के खिलाफ प्रभात खबर का जन आंदोलन’ अभियान के तहत कार्यक्रम

अनजान व्यक्तियों को मोबाइल नंबर नहीं दें. उच्चतर माध्यमिक विद्यालय रुपौली के शिक्षक रणजीत कुमार ने बताया कि भारत ने हाल के वर्षों में महत्त्वपूर्ण डिजिटल परिवर्तन का अनुभव किया है, इन डिजिटल परिवर्तन के परिणामस्वरूप व्यक्तियों और व्यवसायों की बढ़ती संख्या इंटरनेट और डिजिटल प्रौद्योगिकियों पर निर्भर होती जा रही है. बढ़ती कनेक्टिविटी और प्रौद्योगिकी पर निर्भरता, साइबर अपराधियों के लिए प्रणाली में व्याप्त कमजोरियों का फायदा उठाने के अधिक अवसरों को उत्पन्न करती है.

इंटरनेट अपराधों को माना जाये गंभीर अपराध, अपराधियों के लिए कठोर दंड का हो प्रावधान

भारत के पास विश्वस्तर पर संख्या में सबसे अधिक इंटरनेट उपयोगकर्ता है. इंटरनेट का उपयोग करने वाली एक बड़ी आबादी, साइबर अपराधियों के लिए अधिक संभावित लक्ष्य हैं, जिससे यह साइबर हमलों के लिए एक आकर्षक बाजार बन गया है. साइबर अपराधों को रोकने के लिए विभिन्न हितधारकों को शामिल करते हुए एक बहु-आयामी दृष्टिकोण की आवश्यकता है. उभरते साइबर खतरों को प्रभावी ढंग से संबोधित करने के लिए साइबर सुरक्षा कानूनों और विनियमों को लगातार अद्यतन और मजबूत करना चाहिए. इसके साथ ही यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इंटरनेट अपराधों को गंभीर अपराध माना जाये और अपराधियों के लिए कठोर दंड का प्रावधान हों.

डिजिटल भुगतान और ऑनलाइन लेनदेन के बढ़ने के साथ, फिशिंग, क्रेडिट कार्ड धोखाधड़ी और ऑनलाइन घोटाले जैसे वित्तीय अपराधों का खतरा बढ़ गया

उत्क्रमित मध्य विद्यालय लगुनियां सूर्यकण्ठ के एचएम सौरभ कुमार ने कहा कि जैसे-जैसे प्रौद्योगिकी का विकास होता है, वैसे-वैसे साइबर खतरे भी बढ़ते हैं. साइबर अपराधी सॉफ्टवेयर, हार्डवेयर और नेटवर्क सिस्टम में कमजोरियों का फायदा उठाने के लिए लगातार नये तरीके ढूंढते रहते हैं. डिजिटल भुगतान और ऑनलाइन लेनदेन के बढ़ने के साथ, फिशिंग, क्रेडिट कार्ड धोखाधड़ी और ऑनलाइन घोटाले जैसे वित्तीय अपराधों का खतरा बढ़ गया है. एथिकल हैकर्स और साइबर सुरक्षा शोधकर्ताओं को साइबर कमजोरियों के विषय में रिपोर्ट करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए. ऐसी नीतियां को लागू करना चाहिए, जो प्रणाली और नेटवर्क में सुरक्षा खामियों की रिपोर्ट करने वालों को सुरक्षा प्रदान करें. मोबाइल उपकरणों के बढ़ते प्रयोग को देखते हुए, उपयोगकर्ताओं को मोबाइल-आधारित साइबर खतरों से सुरक्षित रखने के लिए मोबाइल सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित करना चाहियें. साइबर अपराध से बचने के लिए युवा जागरूक बने. परिवार के सभी लोग बच्चों से संवाद जरूर रखें क्योंकि इससे अपराध पर अंकुश लगता है. शिक्षक अशोक कुमार ने कहा कि आज के समय में साइबर क्राइम लगातार बढ़ रहा है इससे बचने के लिए लालच वाली वेबसाइट व अनजान नंबरों से दूर रहने की जरूरत है.

साइबर अपराध पिछले तीन-चार वर्षों में वैश्विक समस्या बन चुका

साइबर अपराध पिछले तीन-चार वर्षों में वैश्विक समस्या बन चुका है. भय, लालच व अज्ञानतावश बड़ी संख्या में लोग इसका शिकार हो रहे हैं. साइबर ठगी का शिकार लोगों की फेहरिस्त में बड़े उद्यमी-कारोबारी, सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारी से लेकर सरकारी कर्मचारी, पुलिस महकमे के लोग और बैंक अधिकारी तक शामिल हैं, जो शिक्षित हैं और बड़ी जिम्मेदारियों का निर्वहन करते रहे हैं या कर रहे हैं. यानी साइबर ठग किसी को नहीं छोड़ रहे हैं, वे समाज के हर वर्ग को चंगुल में ले रहे हैं और उनकी गाढ़ी कमाई झटक रहे हैं. शिक्षिका मनीषा कुमारी ने कहा कि व्यक्तिगत और संगठन के स्तर पर साइबर सुरक्षा के महत्व को समझा जाए और अपने डाटा की सुरक्षा के लिए कदम उठाए जाएं. सभी को इससे एकसाथ आना होगा, जिसमें जागरूकता और सतर्कता बड़ा टूल होगा. साइबर जागरूकता परिचर्चा में छात्रों के बीच साइबर अपराध से संबंधित कई अहम जानकारी साझा किए गये और उनके प्रश्नों का उत्तर भी दिया गया.

विशेषज्ञ के टिप्स

वेबसाइट का यूआरएल एचटीटीपीएस से शुरू हो रहा हो, इसमें ””””””””एस”””””””” बताता है कि वेबसाइट सुरक्षित है.

प्राइमरी ई-मेल को इंटरनेट मीडिया साइट्स के लिए इस्तेमाल न करें, सेकंडरी ई-मेल बनाकर रखें.

इंटरनेट मीडिया मंचों पर अनजान लोगों की रिक्वेस्ट स्वीकार न करें. अपनी निजी जानकारी न दें.

पासवर्ड में अपर केस, लोअर केस, नंबर और स्पेशल कैरेक्टर को रखें, हर 45 दिन में इसे बदलते रहें.

हर ऑनलाइन अकाउंट के लिए अलग पासवर्ड रखें. किसी से पासवर्ड या ओटीपी साझा नहीं करें.

फ्री सॉफ्टवेयर डाउनलोड करने से पहले साफ्टवेयर और वेबसाइट होस्टिंग का पता लगा लें.

ऑनलाइन बैंकिंग का इस्तेमाल करते समय यूआरएल को मैनुअली टाइप करें.

अज्ञात ई-मेल में आए किसी अटैचमेन्ट या लिंक को क्लिक न करें.

आधिकारिक एप स्टोर से ही कोई एप डाउनलोड करें.

अनजान व्यक्ति के कहने पर रिमोट एक्सेस एप (टीम व्यूयर, एनी डेस्क, ऐमी एडविन इत्यादि) का प्रयोग न करें.

शॉपिंग और बैंकिंग के लिए फ्री या असुरक्षित वाईफाई का प्रयोग न करें.

अनजान नंबरों से प्राप्त वीडियो कॉल रिसीव न करें.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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