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Education news from Samastipur:नामांकन के बाद अविलंब पेन और अपार आईडी जनरेट करने का निर्देश

शिक्षा विभाग ने इसको लेकर एचएम को निर्देश जारी किया है. निर्देश में कहा है कि नौवीं में नामांकन के लिए अभिभावकों से दूरभाष पर शिकायत मिल रही है कि विद्यालयों में नामांकन लेने से मना किया जा रहा है.

Education news from Samastipur:समस्तीपुर : जिले के सरकारी स्कूलों के आठवीं कक्षा उत्तीर्ण जिन विद्यार्थियों ने नौवीं कक्षा में पढ़ने के लिए सरकारी विद्यालयों में नामांकन के लिए आवेदन किया है, लेकिन उनका परमानेंट एजुकेशन नंबर और अपार कार्ड नहीं बना है तो उनका भी नामांकन लेना है. शिक्षा विभाग ने इसको लेकर एचएम को निर्देश जारी किया है. निर्देश में कहा है कि नौवीं में नामांकन के लिए अभिभावकों से दूरभाष पर शिकायत मिल रही है कि विद्यालयों में नामांकन लेने से मना किया जा रहा है. जिन मान्यता प्राप्त विद्यालयों को यू डायस कोड का आवंटन हो चुका है, उन निजी विद्यालयों से स्थानांतरण प्रमाण पत्र लेकर आने पर संबंधित विद्यार्थी का नामांकन लेना है. विभाग ने एचएम को निर्देश दिया है कि नामांकन के बाद अविलंब परमानेंट एजुकेशन नंबर और अपार आईडी जनरेट किया जाये. कहा कि नामांकन में छात्रों को परेशानी न हो, इसके लिए यह निर्देश सभी स्कूलों को जारी किए गए हैं. अगर किसी छात्र को पेन और अपार कार्ड के कारण नामांकन से वंचित किया जायेगा, तो ऐसे स्कूल पर जरूरी कार्रवाई हो सकती है. परमानेंट एजुकेशन नंबर एक पहचान संख्या है जो छात्रों को दी जाती है. 12 अंक का यह नंबर छात्रों की पहचान को सुरक्षित रखता है. यह नंबर छात्रों की पूरी शिक्षा जीवनकाल के लिए दिया जाता है जो उनकी प्राथमिक शिक्षा से लेकर विश्वविद्यालय तक उनकी पहचान को बनाए रखने में मदद करता है. पेन नंबर के उपयोग से छात्रों को शैक्षणिक जानकारी को एक केंद्रीय डेटाबेस में संग्रहित करने के लिए किया जाता है. दूसरी कक्षा से लेकर आगे नामांकन के लिए पेन नंबर अनिवार्य होता है.

पेन नंबर स्कूल की ओर से ही जनरेट किया जाता

पेन नंबर स्कूल की ओर से ही जनरेट किया जाता है. सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त और निजी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों की पहचान और एकेडमिक डिटेल रखने के लिए पेन (परमानेंट एनरोलमेंट नंबर) का होना अनिवार्य कर दिया गया है. विद्यार्थियों का पेन नंबर जेनरेट करने के लिए स्कूल प्रबंधकों को यू-डायस पोर्टल पर रजिस्टर्ड होना अनिवार्य है. यू-डायस नंबर से ही स्कूल प्रत्येक विद्यार्थियों का पेन नंबर जेनरेट कर सकते हैं. पेन नंबर से स्कूल के साथ-साथ बच्चों के नामांकन में होने वाले फर्जीवाड़े पर रोक लगेगी. होता यह है कि अभिभावक किसी भी सरकारी या गैर सरकारी स्कूल से टीसी लेकर अन्य स्कूलों में बच्चों का नामांकन करा देते हैं, जबकि बच्चों का नाम स्कूल के रजिस्टर पर अंकित नहीं है. बिना रिकॉर्ड मेंटेन किये ही टीसी जारी कर दिया जाता था. पेन नंबर से अब ऐसा नहीं होगा. जिनके पास पेन नंबर होगा उन्हीं बच्चों का अन्य स्कूल में नामांकन होगा.

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