Samastipur News:विद्यापतिनगर : क्षेत्र में दिल दहला देने वाली हत्या की घटना से फिर एक बार इनसानियत दागदार हुई है. बेतहाशा बढ़ते अपराध ने एक विधवा के सहारे को छीन लिया है. अपराध पर अंकुश लगाने के पुलिसिया दावे फिर तार-तार हुए हैं. आठ साल पहले बीमार पति की मौत से विधवा हुई मीना देवी के इकलौते पुत्र की हत्या से शेष जीवन जीने की आस भी टूट गयी है. पति राम प्रवेश राय की मौत के बाद उसका पुत्र शिवम परिवार का खेवनहार था. पांच बच्चों में शिवम इकलौता पुत्र था. बेटी विवाह के बाद पराई हो गयी थी. वैधव्य जीवन का एक मात्र आसरा पुत्र शिवम था. पुत्र को अपने पास देख मीना पति की जुदाई को हमेशा भूलने का प्रयास करती थी. यह भी नियति को नामंजूर था. एक वर्ष पूर्व बेटे की शादी कर घर में मीना ने खुशियों की दुनिया बसाने का स्वप्न संयोजी थी. चंद माह बाद ही उसके स्वप्न चूर हो गये. जिस बेटे की बदौलत शेष जीवन व्यतीत करने का आसरा था वह छिन गया. उधर, पुत्र वधु सुजीता कुमारी की मांग की सिंदूर मिटने से आंखों के आगे अंधेरा छाया था. पुत्र शिवम दिल्ली में मजदूरी कर अपने मां की धड़कनों को गति देने में जुटा था. इकलौते शिवम पटेल की हत्या शुक्रवार की रात्रि अपराधियों ने गोलीमार कर कर दी. वह अपने बहनोई के घर हरसिंगपुर से वापस अपाचे बाइक से घर जा रहा था. अपराधी उसकी हत्या के बाद बाइक लेकर भाग निकले. बताया जाता है कि एक पखवाड़ा पूर्व बहनोई की मौत हुई थी. श्राद्धकर्म में मां व पत्नी के साथ शिवम वहां गया था. कर्म के पश्चात शिवम अपने मृतक बहनोई का मृत्यु प्रमाण पत्र बनाए जाने की प्रक्रिया में जुटा था.
पांच बच्चों में एक पुत्र था शिवम
मीना देवी के पांच बच्चों में इकलौता पुत्र शिवम था. चार बेटियों की शादी हो चुकी थी. शिवम के सहारे घर की परवरिस व रिश्ते नाते की गाड़ी चल रही थी. शिवम बहनोई के साथ दिल्ली में रहकर मजदूरी करता था.
हत्या के कारणों पर लगी टकटकी
शिवम शहर में रहकर मजदूरी का काम करता था. अपने गांव व आसपास की घटनाओं से उसे सरोकार नहीं था. इससे कोई भी विवादित वाक्य उससे नहीं जुड़ा था. ग्रामीणों की माने तो वह स्वभाव से सीधा सा युवक था. ऐसे में उसकी हत्या उसे जानने वालों को हजम नहीं हो रही.
घटना की रात पुलिस अधीक्षक ने की पड़ताल
घटना के तुरंत बाद पुलिस अधीक्षक अरविंद प्रताप सिंह ने घटना स्थल बहादुरपुर अरमौली पहुंच जांच पड़ताल की. इस क्रम में उन्होंने बताया कि घटना में शामिल अपराधियों की पहचान की जा रही है. अपराधी शीघ्र सलाखों के बीच होंगे. उन्होंने इसे लेकर डीएसपी विवेक शर्मा व घटहो एसएचओ मंजुला मिश्रा को आवश्यक दिशा निर्देश दिये.
सुरक्षा बल के परिजन भी नहीं हैं महफूज
मृतक शिवम के चाचा मोहिउद्दीननगर थाने में ग्रामीण पुलिस थे. उनके असामयिक निधन के बाद शिवम की चाची अनिता देवी ग्रामीण पुलिस की नौकरी सम्हाली. लोगों की माने तो अपराधी इस कदर बेखौफ हुए हैं कि सुरक्षा बल के निर्दोष परिजनों की भी हत्या करने से गुरेज नहीं कर पाते हैं.
हत्या की घटना से सहमे शांतिप्रिय लोग
आये दिन हो रही हत्या जैसी वारदात ने लोगों की नींद छीन ली है. हाल के वर्षों में क्षेत्र की संकीर्ण व जर्जर सड़कों के जीर्णोद्धार से मानवीय जीवन में सकारात्मक बदलाव देखा गया. साफ-सुथरी सड़कें रोजमर्रे के जीवन में मिठास भरने लगी. लोग निर्भीक व स्वच्छंद सड़क मार्ग को अपनाने लगे. इस क्रम में गंतव्य स्थानों को आने जाने के साथ वैकल्पित मार्ग का अनुशरण करने लगे. जिसका लाभ अपराधी तेजी से उठने लगे. परिणाम स्वरूप सड़क पर आपराधिक वारदात में बढ़ोतरी हुई है. वहीं बेहतर संसाधनों के बावजूद पुलिस प्रशासन सड़क मार्ग की सुरक्षा देने में विफल साबित हो रही है. इससे सड़क पर अपराध करने वाले बेखौफ हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है