Samastipur News:पूसा : डॉ राजेन्द्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा में एडवांस सेंटर आफ मशरूम रिसर्च की ओर से सात दिवसीय मशरूम उत्पादन प्रशिक्षण शुरु हुआ. प्रशिक्षण 29 जून तक चलेगा. दुधिया, पुवाल मशरूम उत्पादन एवं प्रसंस्करण विषय पर आयोजित किया जायेगा. उद्घाटन समारोह में बोलते हुए कुलपति डॉ पीएस पांडेय ने कहा कि मशरूम की खेती बिना खेत के छोटे से कमरे में की जा सकती है. बिहार में और अन्य राज्यों में सीमांत किसानों के लिए मशरूम की खेती एक अच्छा विकल्प है. इसका व्यवसायिक स्तर पर भी उत्पादन किया जा सकता है और अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय ने बिहार के अतिरिक्त झारखंड, उड़ीसा और गोवा में भी मशरूम उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए वृहत कार्यक्रम चला रहा है. इसका परिणाम भी अब दिखाई दे रहा है. वहां की सरकार भी विश्वविद्यालय की कार्ययोजना की सराहना कर रही है. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय पूरे देश में मशरूम क्रांति लाने का प्रयास कर रहा है. बिहार देश में मशरूम उत्पादन में पहले स्थान पर है. डॉ पांडेय ने युवाओं से मशरूम और उससे संबंधित क्षेत्रों में उद्यमी बनने का आग्रह किया. विभिन्न उपायों पर भी चर्चा की. निदेशक अनुसंधान डॉ एके सिंह ने कहा कि मशरूम का एक नया प्रोडक्ट भी बनाया गया है जो बच्चों के लिए काफी फायदेमंद है. तकनीकी जरूरतों को पूरा करने के बाद इसे जल्द ही रिलीज किया जायेगा. निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ मयंक राय ने कहा कि इस प्रशिक्षण में बिहार और उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त उड़ीसा से भी लोग शिरकत कर रहे हैं. कहा कि मशरूम प्रोटीन का अच्छा स्रोत है. डॉ दयाराम ने मशरूम उत्पादन के विभिन्न आयामों के बारे में विस्तार से जानकारी दी. धन्यवाद ज्ञापन डॉ रत्नेश झा ने किया. डॉ रामप्रवेश प्रसाद, डॉ सुधा नंदिनी, डॉ कुमार राज्यवर्धन आदि उपस्थित रहे.
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