Samastipur News: पूसा : डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा द्वारा मैनेज हैदराबाद के सहयोग से 3 दिवसीय राष्ट्रीय स्तरीय प्रशिक्षण (वर्चुअल मोड) कार्यक्रम का आयोजन भारत के संदर्भ में वैश्विक भूख सूचकांक को कम करने के लिए खाद्य एवं पोषण सुरक्षा विषय पर किया गया. शुभारंभ करते हुए कृषि स्नातकोत्तर महाविद्यालय के अधिष्ठाता एवं प्रसार शिक्षा निदेशक, डा. मयंक राय ने कहा कि समय आ चुका है कि भारत दलहन और तिलहन उत्पादन में भी आत्मनिर्भर बने. उन्होंने बल देते हुए कहा कि भारत द्वारा परीक्षण की जा रही जैव-संवर्धित बायो-फोर्टीफाइड फसलें किस प्रकार खाद्य सुरक्षा को बढ़ावा दे सकती है और जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को भी कम कर सकती है. डॉ. उषा सिंह ने आहार विविधता के माध्यम से पोषण सुरक्षा प्राप्त करना एवं विश्वविद्यालय के कई पोषणयुक्त उत्पादों के माध्यम से कैसे कुपोषण को काम किया जा सकता है इस पर बल दिया. डॉ ऋतंभरा सिंह ने किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ), मूल्य शृंखला और बाजार संपर्क द्वारा कुपोषण को कैसे काम किया जा सकता है पर विस्तार से चर्चा की. डॉ. अपर्णा राधाकृष्णन ने उर्ध्वाधर खेती और केरल मॉडल को अपनाकर खाद्य और पोषण सुरक्षा के लक्ष्य पर ज्ञान साझा किया. प्रशिक्षण कार्यक्रम में 21 राज्य, 68 विभिन्न संस्थानों के 214 प्रशिक्षणार्थी ने भाग लिये. डा. सुधानन्द प्रसाद लाल ने संचालन किया. धन्यवाद ज्ञापन डा. सत्य प्रकाश ने किया.
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