Agricultural University, Samastipur पूसा : डा राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय स्थित ईख अनुसंधान संस्थान में पहली बार स्थापना दिवस समारोह मनाया गया. इसमें जलवायु अनुकूल गन्ना उत्पादन तकनीक और बिहार में गन्ना के उत्पादकता बढ़ाने के लिए परामर्श सेवाएं विषय पर तकनीकी सत्र के दौरान चिंतन किया गया. मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए पूर्व कुलपति डॉ वीपी सिंह ने कहा कि गन्ना उत्पादन के क्षेत्र में जलवायु अनुकूल गन्ने के प्रभेद इजाद करने की जरूरत है. गन्ना अनुसंधान संस्थान ने देश को सौ से ज्यादा गन्ना के प्रभेद दिये हैं. इसके अतिरिक्त कई रोगों की रोकथाम को लेकर तकनीक विकसित किये हैं. उन्होंने कहा कि संस्थान के वैज्ञानिकों को गन्ना की उत्पादकता बढ़ाने और किसानों की समस्याओं पर आधारित अनुसंधान करना चाहिए. गुड़ उत्पादन को लेकर विश्वविद्यालय के प्रयासों की सराहना की. निदेशक अनुसंधान डॉ एके सिंह ने कहा कि शिक्षा अनुसंधान और प्रसार क्षेत्रों में पिछले तीन वर्षों में ऐतिहासिक कार्य हुए हैं.
माइक्रो इरिगेशन को लेकर किसानों की समस्याओं के बारे में भी चर्चा
गन्ना अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉ देवेन्द्र सिंह ने अतिथियों का स्वागत किया. कहा कि विश्वविद्यालय के गुड़ उत्पादों की विधानसभा में भी प्रस्तुत किया गया है. जिले के नयानगर के प्रगतिशील कृषक डॉ सुधांशु कुमार ने कहा कि उनकी विकास यात्रा में विश्वविद्यालय का महत्वपूर्ण योगदान है. उन्होंने माइक्रो इरिगेशन को लेकर किसानों की समस्याओं के बारे में भी चर्चा की. हसनपुर चीनी मिल के प्रबंधक सुग्रीव पाठक ने कहा कि विवि से अनुसंधान किये गये गन्ना प्रभेदों से उत्पादक किसान बेहतर आय प्राप्त कर रहे हैं. संचालन डा सुनीता कुमारी मीणा ने किया. धन्यवाद ज्ञापन वरीय वैज्ञानिक डॉ एसएन सिंह ने किया. निदेशक अनुसंधान डॉ एके सिंह, निदेशक शिक्षा डा उमाकांत बेहरा, निदेशक छात्र कल्याण डॉ रमन त्रिवेदी, निदेशक बीज डॉ डीके राय, पुस्तकालय अध्यक्ष डॉ राकेश मणि शर्मा, डॉ सीके झा, डॉ डीएन कामत, डॉ कुमार राज्यवर्धन आदि थे.
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