समस्तीपुर. इंस्पायर मानक अवार्ड के लिए अब प्रत्येक विद्यालयों को पांच-पांच छात्रों का रजिस्ट्रेशन करा विज्ञान के आइडिया को पोर्टल पर अपलोड करना होगा. जिसे लेकर निर्देश जारी किया गया है. वहीं जिले में अब तक एक भी आइडिया अपलोड नहीं किये जाने पर भी विभाग ने आपत्ति जतायी है. मालूम हो कि रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया 15 जून से शुरू हो गई है. ऐसे में 18 दिनों बाद भी जिले की मध्य, माध्यमिक व उच्च माध्यमिक विद्यालयों द्वारा एक भी विज्ञान के आइडिया को पोर्टल पर अपलोड नहीं किया गया है. विज्ञान आइडिया पोर्टल पर अपलोड नहीं होने पर राज्य शिक्षा विभाग ने कड़ी आपत्ति जताई है. शिक्षा विभाग द्वारा जिले का पत्र लिखकर जल्द से जल्द विज्ञान के आइडिया को पोर्टल पर अपलोड कराने का निर्देश दिया गया है. जिसके बाद जिला शिक्षा विभाग भी संबंधित प्रधानाध्यापकों को स्थिति में जल्द सुधार लाने का निर्देश दिया है. इंस्पायर मानक अवार्ड में वर्ग छह से 12वीं तक के बच्चे शामिल होते हैं. प्रत्येक विद्यालय से अब पांच-पांच विज्ञान आधारित आइडिया को पोर्टल पर अपलोड कराना होगा. पहले प्रत्येक विद्यालय को सात-सात विज्ञान के आइडिया को अपलोड करना था. चयनित छात्रों को इनोवेशन के लिए 10 हजार रुपए की राशि भी दी जायेगी. इंस्पायर मानक योजना अंतर्गत शैक्षणिक सत्र 2025-26 में कक्षा 6-12 वर्ग के छात्रों के नवाचारों का चयन कर ईएमआईएएस पोर्टल पर अपलोड करना है. विद्यार्थियों में नवप्रवर्तन (इनोवेशन) एवं रचनात्मक सोच की संस्कृति की बढ़ावा देने के उद्देश्य से भारत सरकार के विज्ञान एंव प्रौद्योगिकी विभाग के स्वायत्त संस्थान राष्ट्रीय नवप्रवर्तन प्रतिष्ठान द्वारा इंस्पायर अवार्ड-मानक योजना संचालित की जा रही है.
इंस्पायर अवार्ड मानक योजना में रुचि नहीं ले रहे शिक्षक
भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की ओर से संचालित इंस्पायर अवार्ड मानक योजना में जिले के स्कूलों के प्रधानाचार्य और शिक्षक बच्चों के पंजीकरण कराने में रुचि नहीं ले रहे हैं. यह स्थिति तब है जब जिले में सरकारी, सहायता प्राप्त स्कूलों की संख्या करीब 1500 है. केंद्र सरकार की ओर से हर साल इंस्पायर अवार्ड मानक योजना के तहत आवेदन मांगे जाते हैं. इसमें सभी बोर्ड के छात्र-छात्राएं ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. योजना का उद्देश्य छात्रों में विज्ञान के प्रति अभिरुचि पैदा करने के साथ मन मस्तिष्क में नई सोच विकसित करना है, जिससे छात्र देश व समाज उपयोगी मॉडल तैयार कर सकें. ऑनलाइन आवेदन करने के दौरान छात्रों को मॉडल का विषय अंकित करना होता है, जिसका चयन होने पर केंद्र सरकार की ओर से मॉडल बनाने के लिए दस हजार रुपये दिए जाते हैं. मगर, जिले के विज्ञान शिक्षक छात्रों में विज्ञान के प्रति रुचि पैदा करने में असफल साबित हो रहे हैं. जिले में संचालित 898 मध्य विद्यालय एवं 403 माध्यमिक विद्यालय को अनिवार्य रूप से 5-5 इनोवेशन आइडिया अपलोड कराना है. इसका मतलब साफ है कि साइंस टीचर और एचएम कोई रूचि नहीं दिखा रहे है. शहर के आरएसबी इंटर स्कूल के प्रभारी एचएम डा. ललित कुमार घोष ने कहा कि बाल प्रतिभाओं की सृजनात्मक व नवाचार सोच को राष्ट्रीय पटल पर पर पहचान देने वाली महती योजना इंस्पायर अवार्ड जिले के स्कूलों के संस्था प्रधानों को इंस्पायर नहीं कर पा रही है. विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग भारत सरकार द्वारा संचालित इंस्पायर अवार्ड योजना में निजी व सरकारी स्कूलों के रूचि नहीं लेने से भावी वैज्ञानिक को संबल मिलना असंभव सा नजर आ रहा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है