Samastipur News:समस्तीपुर : सरकारी प्रारंभिक स्कूलों में पहली कक्षा में नामांकित बच्चों को किताबों का बोझ न देकर खेलों के जरिए शिक्षा से जोड़ा जायेगा. इसके लिए सरकारी स्कूलों में 21 अप्रैल से पहली कक्षा के बच्चों के लिए तीन माह का स्कूल रेडिनेस कार्यक्रम चहक की शुरुआत की जायेगी. इसको लेकर प्राथमिक शिक्षा निदेशक सह निदेशक निपुण बिहार मिशन साहिला ने डीईओ को पत्र लिखा है. जिसके अनुसार शैक्षणिक वर्ष 2025-26 में मिशन निपुण बिहार के तहत भारत सरकार के दिशा निर्देश के अनुरुप कक्षा एक में नये नामांकित छात्र-छात्राओं के लिए तीन माह का विद्यालय तत्परता कार्यक्रम का संचालन सभी सरकारी विद्यालयों में किया जायेगा. 21 अप्रैल से 15 अगस्त के बीच कार्यक्रम कराने का निर्देश दिया गया है. ग्रीष्मावकाश, बाढ़ की आपदा या अन्य कारणों से कार्यक्रम पूरा नहीं किया जाता है तो इस चहक कार्यक्रम को 15 अगस्त से विस्तारित करते हुए सभी गतिविधियां कराने का निर्देश दिया गया है. डीपीओ एसएसए मानवेंद्र कुमार राय ने बताया कि चहक कार्यक्रम के संचालन को लेकर कैलेंडर भी जारी किया गया है. इस दौरान प्रत्येक शनिवार को बच्चों के मन से रोचक गतिविधियों की पुनरावृति कराई जायेगी.
कार्यक्रम के पहले दिन बच्चों का स्वागत किया जायेगा
कार्यक्रम के पहले दिन बच्चों का स्वागत किया जायेगा. कैलेंडर के अनुसार बच्चों को गतिविधियों के माध्यम से पढ़ाई कराई जायेगी, ताकि बच्चों को विद्यालय आना रोचक लगे. जिसे लेकर 66 कार्य दिवस का पूरा कोर्स तैयार किया गया है. पत्र के अनुसार शैक्षणिक सत्र 2022-23, 2023-24 व 2024-25 में चहक गतिविधियों का संचालन प्रशिक्षित शिक्षकों द्वारा किया गया था. चहक का परिणाम अच्छा रहा था. इसलिए इस वर्ष भी चहक कार्यक्रम संचालन करने का निर्णय लिया गया है. बच्चों को पहले तीन महीने के कोर्स में खेल-खेल में मैं और मेरा परिवार, स्मृति वाले खेल, सृजनात्मक गतिविधियां, बिंदु मिलान, कहानियों की किताबें देखने, कहानी सुनाने और सुनने, खिलौनों और ब्लॉक्स से खेलना, मोतियों को पिरोना, चित्रों पर बीज रखना जैसे उनकी रुचि के खेल बताये जायेंगे, ताकि वे स्कूल आने से डरे नहीं, बल्कि रुचि से स्कूल आना शुरू करें.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है